मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले के कोलारस विधानसभा से भाजपा विधायक बीरेंद्र रघुवंशी ने प्रभारी मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर पर धमकाने का आरोप लगाया है। बता दें कि सोमवार (नवंबर 18, 2019) की शाम बीरेंद्र रघुवंशी और प्रद्युम्न सिंह तोमर के बीच कलेक्ट्रेट के सभागार में जिला योजना समिति की बैठक के दौरान जमकर नोकझोंक हो गई।
विवाद शिवपुरी मेडिकल कॉलेज के नामकरण को लेकर हुआ। विधायक रघुवंशी का आरोप है कि जिला योजना समिति की बैठक में जब मेडिकल कॉलेज के नामकरण की बात आई तो उन्होंने माधवराव सिंधिया के बजाय महात्मा गाँधी के नाम पर नामकरण करने का प्रस्ताव रखा। इसी बात पर तोमर बिफर गए और धमकी देने लगे।
Birendra Raghuvanshi,BJP: I will write to Amit Shah ji asking for security. I was threatened,dekh loonga, zaban band karle,ye bhasha mujhse boli gai, &only because I suggested Mahatma Gandhi ji’s name.Only Pradhuman Tomar will be responsible for any danger to my family&me (18.11) https://t.co/ZhypCatL0O
— ANI (@ANI) November 18, 2019
बीरेंद्र रघुवंशी ने कहा कि तोमर ने उन्हें देख लेने, जुबान बंद करने और ठिकाने लगाने की धमकी दी। बीजेपी विधायक ने कहा कि सुरक्षा के लिए वे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखेंगे। उन्होंने मध्य प्रदेश सरकार से भी सुरक्षा की माँग की है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर उन्हें या परिवार को कुछ भी हुआ तो इसके जिम्मेदार सिर्फ और सिर्फ प्रद्युम्न तोमर होंगे।
बीजेपी विधायक का कहना है कि पूरा विश्व महात्मा गाँधी की 150वीं वर्षगाँठ मना रहा है। ऐसे में उन्होंने मेडिकल कॉलेज का नाम महात्मा गाँधी के नाम पर रखने का सुझाव दिया। माधवराव सिंधिया के नाम से पहले भी तीन भवनों के नाम रखे जा चुके हैं। रघुवंशी ने आरोप लगाया कि उनकी इस बात पर तोमर ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी।
Madhya Pradesh Minister Pradhuman Singh Tomar on allegations by BJP MLA Birendra Raghuvanshi: I am not aware of any such incident. The decision to name the medical college after late Madhavrao Scindia was taken with consensus. (18.11) https://t.co/ZhypCatL0O pic.twitter.com/zjfggvxea8
— ANI (@ANI) November 19, 2019
वहीं बीजेपी विधायक के धमकाने के आरोपों पर मंत्री तोमर ने कहा, “मुझे ऐसे किसी वाकये की जानकारी नहीं है। मेडिकल कॉलेज का नाम माधवराव सिंधिया के नाम पर रखने का निर्णय आम सहमति से लिया गया था।”
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