महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद को लेकर जारी गतिरोध लगभग खत्म हो गया है। नई सरकार का शपथ ग्रहण गुरुवार (5 दिसंबर 2024) को होगा। भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार (3 दिसंबर 2024) को राज्य के कार्यवाहक मुख्यमंत्री एवं शिवसेना के नेता एकनाथ शिंदे से मुलाकात की। इसके बाद शिंदे उपमुख्यमंत्री बनने के लिए तैयार हो गए हैं। फडणवीस मुख्यमंत्री होंगे।
मुख्यमंत्री ने नाम का ऐलान करने के लिए बुधवार (4 दिसंबर 2024) को भाजपा नेतृत्व वाली महायुति गबठबंधन के विधायक दलों की बैठक होगी। इसमें मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा की जाएगी। देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री बनाने की बात सामने आ रही है। दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान में होने वाले शपथ ग्रहण समारोह में लगभग 30 विधायक भी कैबिनेट मंत्री की शपथ लेेंगे।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, विभागों के बँटवारा सरकार बनने के बाद किया जाएगा। महायुति में शामिल के कोटे से मुख्यमंत्री होगा और शिवसेना और नेशनलिस्ट कॉन्ग्रेस पार्टी (NCP) से एक-एक उपमुख्यमंत्री बनाए जाएँगे। एकनाथ शिंदे शिवसेना और अजित पवार एनसीपी कोटे से डिप्टी सीएम बनाए जाएँगे। इसको लेकर वरिष्ठ स्तर पर बातचीत जारी है।
कहा जा रहा है कि डिप्टी सीएम पद के बनने के लिए एकनाथ शिंदे ने गृह मंत्रालय, वित्त मंत्रालय और विधानसभा अध्यक्ष पद की माँग की है। इसके अलावा भी कुछ महत्वपूर्ण विभागों पर शिवसेना ने दावा किया है। हालाँकि, विधानसभा अध्यक्ष और गृहमंत्रालय भाजपा अपने पास रखना चाहती है और इसको लेकर आगे बातचीत जारी रह सकती है।
भाजपा ने संकेत दिया है कि शिवसेना के 11-12 मंत्री बनाए जा सकते हैं, जबकि एनसीपी के 9-10 मंत्री बनाए जा सकते हैं। यह भी कहा जा रहा है कि एनसीपी ने 7 कैबिनेट मंत्री और 4 राज्यमंत्री पद की माँग की है। इसके अलावा, केंद्र सरकार में एक कैबिनेट मंत्री और एक राज्यपाल पद की भी माँग की है। हालाँकि, इसको लेकर अभी पुष्टिकरण सामने नहीं आया है।
दरअसल, भाजपा द्वारा मुख्यमंत्री पद अपने पास रखने की खबरों के बीच एकनाथ शिंदे अपने गाँव चले गए थे। दो दिन बाद वे वहाँ लौटे गले में संक्रमण की बात कहकर अस्पताल में चले गए। वे बैठक से दूर रहे। इसके बाद मंगलवार को देवेंद्र फडणवीस उनके आवास पर जाकर मुलाकात की। यह मुलाकात लगभग 30 मिनट तक चली। इसके बाद सहमति बनती नजर आई है।
बता दें कि 23 नवंबर को आए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों में महायुति गठबंधन को भारी बहुमत मिला है। विधानसभा की कुल 288 सीटों में भाजपा को सबसे अधिक 132 सीटें मिली हैं। वहीं, शिवसेना के 57 और एनसीपी ने 41 विधायक बने हैं। भाजपा ने इस बार चुनाव में कुल 149 उम्मीदवार उतारे थे। वहीं, शिवसेना ने 81 और एनसीपी ने 59 प्रत्याशियों को टिकट दिया था।