महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद से एकनाथ शिंदे लगातार उन मुद्दों पर मुखर है, जिनकी वजह से उनके समर्थक शिवसेना विधायकों को उद्धव ठाकरे गुट से अलग लाइन लेनी पड़ी। शिंदे की माने तो उद्धव के नेतृत्व वाली महाविकास अघाड़ी में शिवसैनिकों को हिंदुत्व, वीर सावरकर पर बोलने की आजादी तक नहीं। दाऊद इब्राहिम से जुड़े लोगों पर कार्रवाई नहीं हो रही थी।
शिंदे के अनुसार शिवसेना का मुख्यमंत्री होने के बावजूद पार्टी को कोई फायदा नहीं हो पा रहा था। उन्होंने कहा, “हमने उद्धव ठाकरे के साथ कई बार चर्चा की कि हमें महाविकास अघाड़ी से कोई लाभ नहीं मिल रहा है। हमारी पार्टी के सीएम के बावजूद, हम नगर पंचायत चुनाव में नंबर 4 पर आ गए हैं। हमने उन्हें समझाने की काफी कोशिश की, लेकिन हम सफल नहीं हो पाए।”
#WATCH | We held discussions (with Uddhav Thackeray) several times that we aren’t getting any benefit from Maha Vikas Aghadi. Despite our party’s CM, we came at no.4 in Nagar Panchayat(polls)…We tried but we didn’t succeed(in making him understand): Maharashtra CM Eknath Shinde pic.twitter.com/xtk18LY1lX
— ANI (@ANI) July 6, 2022
शिंदे ने उद्धव ठाकरे के बयान पर भी पलटवार किया है। उन्होंने कहा, “मैंने कहा है कि रिक्शा ने मर्सिडीज को पीछे छोड़ दिया, क्योंकि ये सरकार सर्वसामान्य लोगों के लिए सरकार है। ये समाज के हर घटक को न्याय दिलाने वाली सरकार है और देखिएगा हमलोग ऐसा काम करेंगे कि हरेक घटक, हरेक व्यक्ति को लगे कि ये मेरे लिए काम कर रही है, ये मेरी सरकार है। ये फर्क है।”
बता दें कि मंगलवार (5 जुलाई 2022) को सेना भवन में शिवसेना की महिला विंग की एक बैठक को संबोधित करते हुए, उद्धव ठाकरे ने परोक्ष रूप से शिंदे पर तंज कसा था, जो कभी ऑटो रिक्शा चलाते थे। उन्होंने कहा था, “डिप्टी सीएम शिंदे को रुकने को कह रहे थे, लेकिन ऑटो रिक्शा का ब्रेक फेल हो गया था, यह कैसे रुकेगा? पहले भाजपा एमवीए सरकार को तिपहिया सरकार कहती थी, अब तिपहिया चलाने वाला सरकार चला रहा है।”
शिंदे ने कहा, “लोगों को लगता था कि भाजपा सत्ता के लिए कुछ भी करती है। लेकिन उन्होंने सभी देशवासियों को बता दिया है कि इन 50 लोगों ने हिंदुत्व की भूमिका ली है, एक वैचारिक भूमिका ली है। इनका एजेंडा हिंदुत्व का है, विकास का है, इनका समर्थन करना चाहिए। उनके पास ज्यादा संख्या और ज्यादा विधायक होने के बावजूद उन्होंने हमें मुख्यमंत्री पद के लिए समर्थन किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुझसे राज्य को विकास के पथ पर आगे ले जाने के लिए कहा। यह भी कहा कि केंद्र सरकार और वह खुद पूरी ताकत से पीछे खड़े हैं। यह सबसे बड़ी बात है। हमलोगों ने कोई गैरकानूनी काम नहीं किया है, क्योंकि चुनाव से पहले शिवसेना के साथ जिस पार्टी का गठबंधन था हम उसी के साथ गठबंधन कर रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि बाला साहेब ठाकरे का हिंदुत्व का जो मुद्दा है, हिंदुत्व के जो विचार हैं, उनकी जो भूमिका है, उसे आगे ले जाने का फैसला हमने किया है। सीएम ने कहा कि 2019 में शिवसेना-भाजपा ने एक साथ चुनाव लड़ा था और सरकार बन गई कॉन्ग्रेस-NCP के साथ। इसकी वजह से जब भी हिंदुत्व का, सावरकर का, दाऊद का, मुंबई बम ब्लास्ट का और भी कई मुद्दे आए, तब वह कोई भी निर्णय नहीं ले पा रहे थे। शिंदे ने आगे कहा, “इसके अलावा हमारे विधायकों को अपने निर्वाचन क्षेत्रों में काम करने में कठिनाई का सामना करना पड़ता था, क्योंकि सहयोगी दल उन लोगों का ताकत बढ़ाने की कोशिश कर रहे थे जो उनसे हार गए थे। फंड की कमी के कारण हमारे विधायक विकास कार्य नहीं कर पा रहे थे। हमने वरिष्ठों से बात की लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। तो हमारे 40-50 विधायकों ने ऐसा किया।”
इससे पहले विधानसभा में बोलते हुए भी एकनाथ शिंदे ने कहा था कि शिव सैनिक हिंदुत्व के लिए आवाज नहीं उठा सकते थे और वीर सावरकर के बारे में भी नहीं बोल सकते थे, क्योंकि शिवसेना कॉन्ग्रेस और NCP के साथ गठबंधन में थी। इसके अलावा दाऊद के साथ संबंध रखने वाले मंत्रियों के खिलाफ भी कार्रवाई करने से रोक दिया गया।