महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना चीफ उद्धव ठाकरे ने भविष्य में भाजपा संग गठबंधन की संभावनाओं पर प्रतिक्रिया दी है। प्रदेश में एनसीपी और कॉन्ग्रेस संग गठबंधन सरकार चला रहे ठाकरे ने कहा कि भविष्य में भाजपा के साथ साझेदारी हो सकती है।
शिवसेना के मुखपत्र सामना को दिए इंटरव्यू में महाराष्ट्र के सीएम ने कहा, “मैं ऐसा नहीं कह रहा हूँ कि हम भविष्य में उनके (भाजपा) साथ गठबंधन नहीं करेंगे।” उन्होंने विरोधी विचारधारा की पार्टी एनसीपी और कॉन्ग्रेस के साथ गठबंधन करने के फैसले का भी बचाव किया। कहा की पिता बाला साहेब से किए वादे को पूरा करने के लिए उन्होंने किसी भी हद तक जाने का फैसला किया था। उद्धव का कहना है उन्होंने पिता से किसी शिवसैनिक को राज्य का सीएम बनाने का वादा किया था। ठाकरे ने कहा, “जब मुझे महसूस हुआ कि भाजपा के साथ रहकर अपने पिता से किया गया वादा पूरा नहीं किया जा सकता, तो मेरे पास इसे स्वीकार करने के अलावा कोई और विकल्प नहीं था।”
बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद शिवसेना चीफ उद्धव ठाकरे ने भाजपा पर अपना वादा पूरा नहीं करने का आरोप लगाया था। तब शिवसेना ने दावा किया था कि चुनाव से पूर्व हुए गठबंधन में तय था कि दोनों पार्टियाँ 50-50 फॉर्मूले के तहत सरकार में रहेंगी। हालाँकि चुनाव परिणाम के बाद भाजपा ने शिवसेना के साथ इस तरह के किसी समझौते को ख़ारिज कर दिया था। इसके बाद शिवसेना ने एनसीपी और कॉन्ग्रेस के समर्थन से सरकार बनाई।
उद्धव ठाकरे ने इंटरव्यू में कहा, “अगर उन्होंने अपना वादा निभाया होता और मुझसे झूठ नहीं बोला होता तो मैं कभी मुख्यमंत्री नहीं बनता। मैंने उससे ज्यादा कभी नहीं माँगा। मैंने उनसे बस उसका सम्मान करने के लिए कहा था जो चुनाव से पूर्व दोनों दलों के बीच तय हुआ था।” ठाकरे ने कहा कि वो पीएम मोदी और महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस के बीच ‘सैंडविच’ थे, दोनों ने उन्हें छोटे भाई के रूप में बताया था।
साथ ही उद्धव ने साफ किया कि शिवसेना ने हिंदुत्व की अपनी विचारधारा को ना तो छोड़ा है और ना ही उससे कोई समझौता किया है। सामना के संपादक संजय राउत को दिए इंटरव्यू में ठाकरे ने कहा, “हमने हिंदुत्व नहीं छोड़ा है, गठबंधन किया है इसका मतलब ये नहीं कि हमने धर्म बदल लिया है।”