महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर कॉन्ग्रेस, एनसीपी और शिवसेना लगातार भाजपा पर हमला कर रहे हैं। इन सबके बीच शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के जरिए एक बार फिर भाजपा पर तीखा वार किया है। ‘लड्डू हजम होंगे क्या? बगावत असफल!!’ नाम के शीर्षक से लिखे गए इस लेख में कहा गया है कि कुछ भी हो जाए, बीजेपी विधानसभा में बहुमत साबित नहीं कर पाएगी।
इस लेख में बीजेपी का नाम लेते हुए कहा गया है, “अजित पवार के रूप में उन्होंने एक भैंसे को अपने बाड़े में लाकर बाँध दिया है और भैंसे से दूध दुहने के लिए ‘ऑपरेशन कमल’ योजना बनाई है। यही लोग सत्ता ही उद्देश्य नहीं है, ऐसा प्रवचन झाड़ते हुए नैतिकता बघार रहे थे। अब तुम्हारे पास बहुमत है ये देखकर ही राज्यपाल ने शपथ दिलाई है, ऐसा तुम कह रहे हो न? तो फिर ‘ऑपरेशन कमल’ जैसी ‘उठाईगिरी’ क्यों? हम उन्हें इस उठाईगिरी और भैंसागिरी के लिए शुभकामनाएँ देते हैं।”
लेख में आगे कहा गया है कि अजित पवार की यह कथित बगावत बालू पर गधे के मूतने पर हुई गंदगी जैसी हो गई है। महाराष्ट्र में जो कुछ हो रहा है उसे ‘नाटक’ कहना रंगमंच का अपमान है। पहले उन्होंने (बीजेपी) शिवसेना जैसा मित्र खो दिया और अब वे शातिर चोर की तरह रात के अंधेरे में अपराध कर रहे हैं। सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी के रूप में राज्यपाल के समक्ष भाजपा के पास सरकार बनाने का मौका था। राज्यपाल उन्हीं की पार्टी और उन्हीं की नीति के होने के कारण भगतसिंह कोश्यारी ने भाजपा के नेताओं को निमंत्रित किया ही था। उन्होंने नकार दिया। शिवसेना को बुलाया गया। लेकिन सरकार बनाने के लिए 24 घंटे भी नहीं दिए गए। इसलिए पर्दे के पीछे जो तय किया गया था उसके अनुसार राज्यपाल ने राष्ट्रपति शासन लाद दिया।
संपादकीय में लिखा गया है, “कॉन्ग्रेस, शिवसेना और राष्ट्रवादी कॉन्ग्रेस पार्टी की आने वाली सरकार नैतिक या अनैतिक की बात छोड़ो लेकिन देवेंद्र फडणवीस और उनकी पार्टी ने ये किसको जन्म दिया है? सिर गधे का और धड़ भैंसे का ऐसा प्रारूप महाराष्ट्र के माथे पर मार कर ये लोग एक-दूसरे को लड्डू खिलाते हैं। लेकिन लड्डू खिलाते समय वो उनके गले के नीचे नहीं उतर रहा था और उनके चेहरे पर आनंद के भाव भी नहीं थे। असली सवाल ये है कि ये लड्डू उन्हें हजम होंगे क्या और इसका उत्तर है- नहीं।”
सामना के संपादकीय में अंत में लिखा गया है कि भाजपा के साथ जाकर अजित पवार ने राष्ट्रवादी कॉन्ग्रेस के विधायकों को फँसाया है। भाजपा ने अजित पवार को फँसाया और सबने मिलकर महाराष्ट्र को फँसाया। इस धोखाधड़ी में राजभवन का दुरुपयोग हुआ। ये पाप है। लेकिन पाप-पुण्य की बजाय जिनके लिए सत्ता महत्वपूर्ण है, ये उनका आखिरी दौर है। थोड़ी प्रतीक्षा कीजिए।