मुंबई पुलिस में रहे सचिन वाजे इस समय एंटीलिया केस में एनआईए (NIA) की हिरासत में हैं। मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को एक पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने वाजे को 100 करोड़ रुपए की वसूली का टारगेट दिया था। यह मामला सोमवार (मार्च 22, 2021) को संसद में भी उठा। महाराष्ट्र से आने वाली निर्दलीय सांसद नवनीत रवि राणा ने दावा किया है कि देवेंद्र फडणवीस के मुख्यमंत्री रहते हुए उद्धव ठाकरे ने सचिन वाजे को पुलिस की सेवा में वापस लेने के लिए पैरवी की थी।
राणा ने कहा कि 16 साल के लिए एक आदमी को किस आधार पर निलंबित किया गया और जेल में बंद कर दिया गया? जब बीजेपी की सरकार थी तब उद्धव ठाकरे ने खुद देवेंद्र फडणवीस को सचिन वाजे को वापस बुलाने के लिए कहा था। इस पर फडणवीस ने मना कर दिया था। जब ठाकरे सरकार में आए तो उन्होंने उन्हें बहाल कर दिया।
On what basis was a man suspended for 16 yrs & jailed, reinstated? When there was BJP govt, Uddhav Thackeray himself had called up Devendra Fadnavis for reinstating Sachin Waze, Fadnavis had refused. When Thackeray govt came, they reinstated him: Independent MP Navneet Ravi Rana pic.twitter.com/AULrHbDIe5
— ANI (@ANI) March 22, 2021
बता दें कि इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एक प्रेस वार्ता कर इस मामले में राज्य सरकार पर निशाना साधा था। उन्होंने मनसुख हिरेन की मौत को हत्या करार देते हुए कहा था कि यह बात सामने आनी चाहिए कि हाई प्रोफाइल मामला वाजे को सौंपने के पीछे वजह क्या रही?
पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस ने आरोप लगाया था कि कोरोना के बहाने वाजे की बहाली की गई। उन्होंने कहा कि सचिन वाजे साल 2004 में सस्पेंड हुए, 2007 में उन्होंने वीआरएस (ऐच्छिक सेवानिवृत्ति) दिया लेकिन उनके ऊपर चल रही इन्क्वायरी के चलते उनका वीआरएस स्वीकार नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि साल 2018 में जिस समय वो मुख्यमंत्री थे उस समय शिवसेना की ओर से दबाव बनाया जा रहा था कि एपीआई सचिन वाजे को फिर एक बार सेवा में लिया जाए। लेकिन उन्होंने सचिन वाजे को बहाल नहीं किया था।
इस बीच महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों के आरोपों को लेकर सोमवार को संसद के दोनों सदनों में हंगामा हुआ। भारतीय जनता पार्टी समेत कई सांसदों ने महाराष्ट्र सरकार पर सवाल उठाए। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने राज्यसभा में प्रश्न काल के दौरान हंगामे के बीच कहा कि पूरे देश ने देखा कि गृह मंत्री (महाराष्ट्र) वसूली कर रहे हैं। महीने के 100 करोड़ रुपए वसूली की जा रही है। उन्होंने कहा कि पहले आतंकवादी कार में बम लगाते थे, लेकिन अब पुलिस ही लगा रही है। हालाँकि राज्यसभा में उठाए गए इन मुद्दों को रिकॉर्ड पर नहीं लिया गया।
हंगामे के बाद चेयरमैन ने साफ किया कि कुछ भी रिकॉर्ड पर नहीं जाएगा। हंगामे को देखते हुए राज्यसभा को दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। बल्कि लोकसभा में भी इस मसले पर बवाल हुआ। भारतीय जनता पार्टी के सांसद राकेश सिंह ने कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को तुरंत अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए और केंद्रीय एजेंसियों को इस मामले की जाँच करनी चाहिए।
राकेश सिंह ने कहा कि ये पहली बार है, जब किसी पुलिस अधिकारी के समर्थन में मुख्यमंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उसी पुलिस अधिकारी को सौ करोड़ रुपए वसूलने का टारगेट दिया गया था। लोकसभा में शिवसेना के विनायक राउत ने पलटवार करते हुए कहा कि महाराष्ट्र की सरकार को गिराने की कोशिश लंबे वक्त से चल रही है। परमबीर सिंह के खिलाफ आरोप लगे हैं, जिसकी जाँच हो रही है।
गौरतलब है कि मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख पर बड़ा आरोप लगाते हुए राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को चिट्ठी लिखी था। बता दें कि परमबीर सिंह को हाल ही में मुंबई के पुलिस कमिश्नर पद से हटाया गया था।