288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में बहुमत का आँकड़ा 145 है। विधानसभा चुनाव में शिवसेना को 56, कॉन्ग्रेस को 44 और एनसीपी को 54 सीटें मिली थी। तीनों दलों की सीटें जोड़ दें तो यह आँकड़ा 154 होता है। शिवसेना का दावा है कि कुछ निर्दलीय भी उसके साथ हैं। इसके अलावा कुछ छोटे दलों का समर्थन होने की बात भी कही जा रही है। लेकिन, शायद ही तीनों दलों में किसी नेता को पता है कि असल में उनके साथ कितने विधायक हैं।
इसका कारण यह है कि शिवसेना-एनसीपी-कॉन्ग्रेस के खेमे से आज ही समर्थक विधायकों की संख्या को लेकर अलग-अलग दावे सामने आए हैं। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान इनके वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने 154 विधायकों के समर्थन का दावा किया। वहीं, शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने बताया कि गवर्नर को 162 विधायकों के समर्थन का पत्र सौंपा गया है।
वैसे, शिंदे जिस नंबर का दावा कर रहे हैं वह उनके ही पार्टी के सांसद संजय राउत की ओर से बार-बार किए जा रहे दावे से अलग है। ढाई साल के लिए सीएम पद की शिवसेना की मॉंग जब भाजपा ने ठुकराई उसके बाद से ही राउत 175 के करीब विधायकों के समर्थन का दावा करते रहे हैं। 3 नवंबर को राउत ने कहा था, “170 विधायक हमारा समर्थन कर रहे हैं। यह आँकड़ा 175 भी हो सकता है।” इसके बाद से वे लगातार इस नंबर को दुहराते रहे हैं। यहॉं तक कि अजित पवार के नेतृत्व वाले एनसीपी के धड़े के बीजेपी के साथ जाने के बाद से भी वे इस आँकड़े को दोहराते रहे हैं।
Shiv Sena leader Sanjay Raut: We have more than 170 MLAs supporting us, the figure can even reach 175. #MaharashtraAssemblyPolls pic.twitter.com/QJkNuiV9kk
— ANI (@ANI) November 3, 2019
शिवसेना, एनसीपी और कॉन्ग्रेस के नेता आज यानी 25 नवंबर को राज्यपाल के पास गए। इसके बाद एनसीपी नेता जयंत पाटिल ने कहा कि उनके साथ 162 विधायक हैं। यही संख्या शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने भी दुहराया।
Jayant Patil, NCP: We are in a position to bring 162 MLAs before Maharashtra Governor at any given time. https://t.co/ArtNXMAY0Y
— ANI (@ANI) November 25, 2019
25 नवंबर को ही सुप्रीम कोर्ट ने शिवसेना-एनसीपी-कॉन्ग्रेस की ओर नया शपथ-पत्र पेश किया गया, जिसमें 154 विधायकों के समर्थन की बात कही गई थी। हालॉंकि कोर्ट ने इसे लेने से मना कर दिया। इसके बाद कॉन्ग्रेस नेता और याचिकाकर्ताओं के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि वे इस शपथ-पत्र को वापस ले रहे हैं।
A Singhvi for NCP-Congress: I’m happy to lose floor test today, but they (BJP alliance) don’t want floor test.
— ANI (@ANI) November 25, 2019
He placed on record, affidavits signed by 154 MLAs showing their support, SC refused to accept it saying it can’t now expand scope of petition.He withdrew the affidavits https://t.co/jY2W2nInKa
इन तीनों दलों का गठबंधन भले बहुमत होने, 10 मिनट में बहुमत साबित करने का दावा कर रहे हों, लेकिन, समर्थक विधायकों को लेकर जिस तरह हर मौके पर इनकी संख्या बदली है, उससे जाहिर होता है कि वे खुद भी नहीं जानते कि उनके साथ कौन है और कौन नहीं। अजित पवार के बीजेपी के साथ जाने के बाद से एनसीपी दावा कर रही है कि 54 में से 52 विधायक पार्टी के साथ हैं। लेकिन, 24 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान सिंघवी ने कहा था कि मात्र 42-43 विधायकों के समर्थन से अजित पवार उप मुख्यमंत्री कैसे बन सकते हैं?
ऑपइंडिया को सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार अजित पवार के साथ कम से कम 27 विधायक हैं। एनसीपी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री छगन भुजबल ने सोमवार की सुबह उनसे बात की थी। बताया जाता है कि भुजबल ने अजित पवार से कहा कि पार्टी के 30 से 35 विधायक उनके न होने से असहज महसूस कर रहे हैं और यह आँकड़ा बढ़ भी सकता है।