इसके अलावा उलेमा बोर्ड ने महाविकास आघाड़ी से वक्फ संशोधन विधेयक का विरोध करने और इसे निरस्त करने की माँग की है। वक्फ संपत्तियों से अतिक्रमण हटाने के लिए महाराष्ट्र विधानसभा में कानून बनाने माँग रखी है। महाराष्ट्र बोर्ड में मुसलमानों के लिए 10% आरक्षण और राज्य में पुलिस भर्ती में शिक्षित मुसलमानों को प्राथमिकता देने की माँग उठाई है।
#BREAKING | Ahead of Maharashtra assembly elections, ULEMA offers support to Maha Vikas Aghadi
— Republic (@republic) November 9, 2024
Tune in for all live updates here – https://t.co/7WxdipcXG8#MaharashtraAssemblyElections #SharadPawar #MahaVikasAghadi #ShivSena #Akhi pic.twitter.com/KMeCH0qM1x
इतना ही नहीं बोर्ड ने भाजपा नेता नितेश राणे और रामगिरी महाराज को तत्काल कारावास में डालने तथा सलमान अझेरी को रिहा करने की माँग की है। साथ ही राज्य सरकार से मोहम्मद पैगंबर के खिलाफ बोलने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कानून लागू करने को कहा है। बोर्ड यह भी चाहता है कि राज्य सरकार राज्य में संचालित मस्जिदों के मौलानाओं और इमामों को 15,000 रुपए प्रति माह का भुगतान करे।
बता दें कि एक तरफ उलेमा बोर्ड ने अपना समर्थन देने के लिए ये सारी शर्तें रखी हैं तो दूसरी तरफ कहा जा रहा है कि एनसीपी नेता शरद पवार ने इन सभी स्थितियों पर संज्ञान लेकर इन्हें स्वीकार भी कर लिया है।
It's the same place; #Malegao where Muslims voted en masse against BJP during Loksabha elections n the same place is in spotlight once again as 12 unemployed youths received total Rs 125 Crores in their bank accounts immediately after #MaharashtraAssembly elections declared n… pic.twitter.com/v8dxR8qKzg
— Legal Rights Observatory- LRO (@LegalLro) November 10, 2024
उलेमा बोर्ड की ऐसी माँगे उस समय सामने आई हैं जब पिछले दिनों खुलासा हुआ है कि कैसे राज्य में 180 एनजीओ मिलकर मुस्लिम वोटों को जुटा रही हैं ताकि राज्य से भाजपा को बाहर किया जा सके। ऐसे ही प्रयास लोकसभा चुनावों के वक्त भी हुए थे और इस बार भी शुरू हो गए हैं।
कुछ दिन पहले की बात है महाराष्ट्र के नासिक में 12 युवाओं को बेरोजगार बताकर उनके अकॉउंट में 125 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए गए थे। हर युवक के अकॉउंट में 12-15 करोड़ भेजे गए। रकम को जमा कराने वाला सिराज अहमद था जो कि एक लोकल व्यवसायी है। उसने मालेगाँव मर्चेंट बैंक के जरिए ये रकम भिजवाई थी। इस मामले के खुलासे के बाद अब नासिक पुलिस जाँच कर रही है कि ये कोई धोखाधड़ी का मामला है या इसके पीछे मंशा अलग है।