महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजीत पवार ने शुक्रवार (14 मई 2021) को कहा कि राज्य सरकार हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक के पुणे में लगने वाले प्लाँट से 50 फीसदी कोवैक्सीन के डोज को राज्य सरकार के लिए रिजर्व करने का आग्रह करेगी।
पवार ने यह बात शुक्रवार को पुणे काउंसिल हाल में साप्ताहिक कोविड-19 समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। इस दौरान कोरोना के कुछ पेशेंट में पाए गए ब्लैक फंगस (म्यूकोर्मिकोसिस) संक्रमण से निपटने की योजना पर चर्चा की गई।
कोरोना परिस्थिती आणि उपाययोजनांबाबत आढावा बैठक आज पुण्यात घेण्यात आली. यावेळी जिल्ह्यातील कोरोना विषाणूची सद्यस्थिती, प्रशासनाच्या वतीनं करण्यात येणाऱ्या उपाययोजना तसंच लसीकरण आदी विषयांबाबत माहिती जाणून घेतली. pic.twitter.com/dp7APDkOJ7
— Ajit Pawar (@AjitPawarSpeaks) May 14, 2021
पवार ने कहा कि भारत बायोटेक ने पुणे जिले में वैक्सीन निर्माण संयंत्र स्थापित करने के लिए 11.58 हेक्टेयर भूमि माँगी थी और सरकार इस मामले में सक्रियता से काम कर रही है।
उन्होंने कहा, “पुणे संभागीय आयुक्त और जिला कलेक्टर जल्द से जल्द जमीन के अनुरोध पर कार्रवाई करने जा रहे हैं। वे प्लांट के लिए पानी, बिजली और अन्य जरूरी चीजों की आपूर्ति के लिए शीघ्र मंजूरी पर भी काम करेंगे। प्लांट में वैक्सीन का उत्पादन शुरू होने में तीन महीने तक का समय लग सकता है। कंपनी को वैक्सीन का 50 फीसदी केंद्र सरकार को देना होगा। हालाँकि, हम भारत बायोटेक से राज्य के भीतर उपयोग के लिए बाकी वैक्सीन आरक्षित करने का अनुरोध करेंगे।”
पवार ने केंद्र सरकार से उसे मिलने वाली विदेशी सहायता और राज्यों के बीच इसके वितरण के बारे में डिटेल्स देने की भी माँग की। इस मामले में पुणे के भाजपा नेताओं उनकी आलोचना भी की है कि राज्य सरकार ने पुणे शहर के लिए 25 लाख टीकों की खरीद के लिए वैश्विक निविदा जारी करने के लिए पीएमसी को अनुमति देने में जानबूझकर देरी की है।
पवार ने कहा, “मुझे इस मुद्दे पर भाजपा के गणेश बिडकर का एक पत्र मिला है। मैं यहाँ ये स्पष्ट करना चाहता हूँ कि ग्लोबल टेंडर जारी करने के लिए पीएमसी को राज्य सरकार की अनुमति की जरूरत ही नहीं है। मुझे इसकी जानकारी नगर विकास विभाग के सचिव भूषण गगरानी और प्रमुख सचिव महेश पाठक से मिली है। बीएमसी ने खुद मामले में फैसला लिया है।”
उपमुख्यमंत्री ने म्यूकोर्मिकोसिस के संक्रमण पर चिंता जताते हुए कहा कि प्रशासन यह कोशिश कर रहा है कि इसके मरीजों को समय पर इलाज मिले।
ब्लैक फंगस का इंजेक्शन 15 लाख का
पवार ने आगे कहा, “पुणे, पिंपरी-चिंचवड़ और ग्रामीण क्षेत्रों में म्यूकोर्मिकोसिस रोगियों की पहचान की गई है। इसके इलाज में लगने वाले इंजेक्शन काफी महँगे हैं, जिनकी कीमत करीब 15 लाख तक है। हमने बीमारी को महात्मा फुले जन आरोग्य योजना (एमपीजेएवाई) के तहत शामिल किया है, ताकि लोगों को योजना के तहत इलाज मिल सके।”