तृणमूल कॉन्ग्रेस की नेता महुआ मोइत्रा प्रवर्तन निदेशालय (ED) के समन पर आज पूछताछ के लिए नहीं पहुँची। उन्होंने चुनाव की व्यस्तता का हवाला देते हुए एजेंसी के सामने पेश होने से इनकार कर दिया। ED महुआ मोइत्रा के ‘कैश फॉर क्वेरी’ मामले में विदेश में हुए लेनदेन की जाँच कर रही है।
ED ने महुआ मोइत्रा को बुधवार (27 मार्च, 2024) को पूछताछ करने के लिए समन भेजा था। उनसे दिल्ली आकर पूछताछ में शामिल होने और साथ ही विदेशी लेनदेन से जुड़े कुछ दस्तावेज उपब्ध करवाने को कहा गया था। हालाँकि, महुआ ने इस पूछताछ में शामिल होने से मना कर दिया।
TMC leader Mahua Moitra opts to skip the summons from the Enforcement Directorate (ED) today, due to her presence in her constituency for her ongoing election campaign. She has been summoned by the ED in connection with an alleged cash-for-query case.
— ANI (@ANI) March 28, 2024
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महुआ ने कहा कि वर्तमान में वह बंगाल में अपनी सीट कृष्णानगर पर चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं, इसीलिए वह पूछताछ के लिए दिल्ली नहीं जा सकेंगी। ED इससे पहले भी महुआ को फरवरी और मार्च में दो बार पूछताछ के लिए बुला चुकी है। वह तब भी ED के सामने पेश नहीं हुई थीं।
ED ने 23 मार्च, 2024 को महुआ के ठिकानों पर छापेमारी भी की थी। पश्चिम बंगाल में एजेंसी ने कोलकाता और कृष्णानगर स्थित उनके कार्यालय और घर पर छापेमारी की थी। ED महुआ के खिलाफ एक विदेशी खाते से जुड़े लेनदेन को लेकर जाँच कर रही है। ED इस सम्बन्ध में FEMA के तहत किए गए लेनदेन और खर्चे की जानकारी लेना चाहती है।
गौरतलब है कि महुआ मोइत्रा पर दुबई में रहने वाले कारोबारी दर्शन हीरानंदानी से पैसे और महँगे गिफ्ट लेकर कारोबारी गौतम अडानी के विरुद्ध लोकसभा में प्रश्न पूछने का आरोप 15 अक्टूबर को भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा स्पीकर को एक पत्र लिख कर लगाया था।
यह आरोप महुआ मोइत्रा के पूर्व पार्टनर और सुप्रीम कोर्ट में वकील जय अनंत देहाद्राई के हवाले से लगाए गए थे। बाद में दर्शन हीरानंदानी ने स्वयं यह स्वीकार किया था कि उन्होंने महुआ को महँगे तोहफे और पैसे दिए हैं। महुआ पर यह भी आरोप लगाया गया था कि उन्होंने अपने संसद पोर्टल की लॉगइन आईडी और पासवर्ड दर्शन हीरानंदानी को दिए।
इस बात को महुआ ने खुद भी स्वीकारा था। इस मामले की जाँच के लिए इसे लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने संसद की आचार समिति के पास भेज दिया था। आचार समिति ने दोनों पक्षों को सुन कर अपनी रिपोर्ट संसद को 8 दिसम्बर, 2023 को दी थी।
इस रिपोर्ट में महुआ पर लगे आरोपों को सही पाया गया था। महुआ के इस कदाचार के चलते समिति ने उन्हें लोकसभा की सदस्यता से बर्खास्त करने की सिफारिश की थी। इसके पश्चात 8 दिसम्बर, 2023 को ही इस रिपोर्ट के आधार पर महुआ की संसद सदस्यता रद्द कर दी गई थी। महुआ मोइत्रा के खिलाफ लोकपाल के आदेश के बाद सीबीआई भी जाँच कर रही है।