पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर यह आरोप लगाया है कि उन्होंने राज्य के अधिकारियों को चुनाव परिणाम के बाद शुरू हुई हिंसा पर रिपोर्ट देने से मना कर दिया। हिंसा पर आधारित यह रिपोर्ट राज्यपाल को दी जानी थी लेकिन सीएम ममता बनर्जी के कहने पर गृह सचिव ने राज्य की कानून व्यवस्था की रिपोर्ट राज्यपाल को दी ही नहीं। उन्होंने यह भी कहा कि डीजीपी और पुलिस कमिश्नर द्वारा दी गई रिपोर्ट भी आगे नहीं बढ़ाई गई।
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने हिंदुस्तान टाइम्स के विनोद शर्मा से बात करते हुए उक्त आरोप लगाए हैं। इसके अलावा उन्होंने ट्वीट करके भी यह जानकारी साझा की।
Another sleepless night with reports of rampant post poll violence continually pouring. Ashamed of such anarchy and lawlessness @MamataOfficial.
— Governor West Bengal Jagdeep Dhankhar (@jdhankhar1) May 6, 2021
In morning another shocker from print media! All is well ? How can this be ?
And today Central Minister attacked. pic.twitter.com/xgKlEltWeJ
चुनाव बाद शुरू हुई हिंसा पर बात करते हुए राज्यपाल धनखड़ ने कहा कि बंगाल में 02 मई को विधानसभा चुनाव परिणाम के आने के बाद से ही हत्या, लूटपाट और महिलाओं एवं बच्चों के खिलाफ अपराध जारी है। ऐसे में राज्यपाल ने बताया कि उन्होंने राज्य के गृह सचिव, डीजीपी और कोलकाता पुलिस कमिश्नर को हिंसा की रिपोर्ट देने के लिए आदेशित किया। उन्होंने बताया कि इस दौरान उनके द्वारा कई बार मुख्यमंत्री से बात की गई लेकिन उनके द्वारा किसी भी प्रकार का कोई एक्शन नहीं लिया गया।
राज्यपाल धनखड़ से यह प्रश्न किया गया कि हिंसा प्रारंभ होने के समय ममता बनर्जी ने राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ नहीं ली थी तो क्या उन पर यह आरोप लगाया जा सकता है कि उन्होंने अधिकारियों को रिपोर्ट सबमिट करने से मना किया होगा?
इस पर राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने उत्तर देते हुए कहा कि राज्य गृह सचिव ने उनसे खुद यह बात कही कि उन्हें ममता बनर्जी द्वारा रिपोर्ट न देने के बारे में निर्देश आया था। इसके अलावा गृह सचिव ने राज्यपाल धनखड़ को यह भी अवगत कराया कि उन्हें डीजीपी और पुलिस कमिश्नर द्वारा राज्य कानून व्यवस्था पर दी गई रिपोर्ट भी राज्यपाल को न देने का निर्देश दिया गया था। राज्यपाल ने बताया कि 03 मई को चुनाव आचार संहिता समाप्त होने के बाद ममता बनर्जी के पास मुख्यमंत्री की सभी शक्तियाँ थीं।
ममता बनर्जी के शपथ ग्रहण के बाद वक्तव्य देने के प्रश्न पर राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा कि स्वयं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ही इसके लिए उनसे आग्रह किया था और राज्य में लगातार चल रही हिंसा को देखते हुए उन्होंने इस मुद्दे को शपथ ग्रहण के बाद उठाना उचित समझा।
ज्ञात हो कि भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने हिंसा के दौरान राज्य का दौरा किया और हिंसा से पीड़ित लोगों से मिले। भाजपा अध्यक्ष के इस दौरे पर अपनी राय देते हुए बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा कि वह एक संवैधानिक प्रमुख हैं और भाजपा अध्यक्ष के दौरे के विषय में विचार करना उनका अधिकार क्षेत्र नहीं है जब तक कि Covid-19 के प्रोटोकॉल्स का कोई उल्लंघन न हो। उन्होंने कहा कि वर्तमान में बंगाल की स्थिति को देखते हुए यह आवश्यक है कि सभी पार्टियाँ इस मुद्दे पर आगे आएँ और लोगों में विश्वास उत्पन्न करें।
आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद से ही लगातार हिंसा हो रही है। भाजपा के कार्यकर्ताओं को प्रमुख रूप से निशाना बनाया जा रहा है। हजारों की तादाद में भाजपा कार्यकर्ता बंगाल से पलायन कर रहे हैं और असम की ओर जा रहे हैं। ऐसी परिस्थितियों में न केवल राज्यपाल अपितु गृह मंत्रालय ने भी राज्य में हो रही हिंसा की रिपोर्ट माँगी लेकिन उचित कार्रवाई न होने पर गृह मंत्रालय ने अपनी एक 4 सदस्यीय टीम बंगाल भेजी है जो सीधे गृह मंत्रालय को हिंसा की रिपोर्ट सौंपेगी।