पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 5 पन्नों का पत्र लिखकर राज्य के मुख्य सचिव अलपन बंद्योपाध्याय को कार्यमुक्त कर दिल्ली भेजने से इनकार कर दिया है। अपने पत्र में ममता ने बंद्योपाध्याय को सोमवार ( 31 मई 2021) को सुबह 10 बजे तक नॉर्थ ब्लॉक में रिपोर्ट करने के केंद्र सरकार के आदेश को ‘पूरी तरह से असंवैधानिक’ बताया है। उन्होंने कहा, “मैं भारत सरकार द्वारा हमें भेजे गए एकतरफा आदेश से स्तब्ध हूँ, जिसमें हमें पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव अलपन बंद्योपाध्याय कार्यमुक्त करने के लिए कहा गया है, ताकि वो भारत सरकार की सेवा में शामिल हो सकें।”
अपने पत्र में ममता ने कहा कि केंद्र सरकार ने यह आदेश राज्य सरकार से परामर्श के बिना जारी किया है, जो कि इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस रूल-1954 के खिलाफ है। यह दूसरे कानूनों का भी उल्लंघन है। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा कि मुख्य सचिव की राज्य में सेवा को तीन महीने के लिए बढ़ाया गया है। ताकि वह कोरोना की दूसरी लहर और हाल ही समुद्री तूफान से तबाह हो चुके प्रदेश में अपनी सेवाएँ दे सकें।
BREAKING: #WestBengal CM Mamata Banerjee writes a 5 page letter today, refuses to relive her CS #AlapanBandyopadhyay . Raises issue of Suvendu Adhikari’s inclusion at cyclone review meeting, once again. pic.twitter.com/AiTPMXJCH5
— Anindya (@AninBanerjee) May 31, 2021
उन्होंने कहा, “उम्मीद है कि केंद्र सरकार का नया पत्र कलाईकुंडा में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के बीच हुई बैठक से जुड़ा न हो। क्योंकि अगर ऐसा है तो यह बहुत ही दु:खद, दुर्भाग्यपूर्ण और जनहित के प्रति अपनी प्राथमिकताओं को त्यागने वाला होगा।”
बैठक में सुवेंदु अधिकारी की मौजूदगी पर ममता नाराज
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मीटिंग में सुवेंदु अधिकारी को शामिल किए जाने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री पर बैठक के स्ट्रक्चर को बदलने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि वो प्रधानमंत्री से शांति से बात करना चाहती थीं। सीएम ने कहा, “मेरा विचार है (राज्य के मामलों के बारे में मेरे 40 वर्षों की जानकारी के आधार पर) कि सुवेंदु अधिकारी के पास पीएम-सीएम की मीटिंग में बैठने के लिए कोई जगह नहीं थी।”
ममता ने पीएम के साथ बैठक में सुवेंदु अधिकारी की उपस्थिति को पूरी तरह से अस्वीकार्य बताते हुए दावा किया कि इस मुद्दे को सुलझाने के लिए राज्य के मुख्य सचिव ने प्रधानमंत्री के साथ आए अधिकारी को कई मैसेज भेजे थे, लेकिन उनकी ओर से कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली। गौरतलब है कि सुवेंदु अधिकारी बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता हैं।
ममता का आरोप, पीएम ने ही उन्हें जाने की इजाजत दी
अपने पत्र में ममता बनर्जी ने आरोप लगाया है कि उन्होंने पीएम को रिपोर्ट सौंपने के बाद दीघा जाने की इजाजत ली थी। उन्होंने लिखा है, “अपनी सही आपत्तियों को नजरअंदाज करते हुए मैं अपने मुख्य सचिव के साथ आपको रिपोर्ट देने के लिए मीटिंग में आई। इसके बाद आपने मेरे हाथ से वो रिपोर्ट ले ली और मैंने विशेषरूप से आपसे दीघा जाने की अनुमति माँगी क्योंकि वहाँ चक्रवात आने वाला था और वहीं पर हमारी अगली बैठक होनी थी। इसलिए उसमें शामिल होने वाले इंतजार कर रहे थे। आपने ही हमें वहाँ जाने की अनुमति दी थी।”
“West Bengal Govt can’t release & is not releasing its Chief Secretary at this critical hours,” West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee wrote to PM requesting to withdraw, recall, reconsider the decision & rescind latest so-called order
— ANI (@ANI) May 31, 2021
केंद्र सरकार पर जल्दबाजी में फैसला लेने का आरोप लगाते हुए ममता ने कहा, “इसे देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि यह दुर्भावनापूर्ण भावना से जल्दबाजी में लिया गया है। इसलिए मैं आपसे अनुरोध करती हूँ कि अपने फैसले पर फिर से विचार कर जनहित में अपने आदेश को वापस लें। पश्चिम बंगाल सरकार अपने सीएस को ऐसे समय में न तो कार्यमुक्त कर सकती है और न ही कर रही है। हमारी समझ के आधार पर और कानूनों पर विचार विमर्श के बाद ही सीएस की सेवा के विस्तार आदेश जारी किया गया था।”
केंद्र ने 29 मई को सीएस अलपन बंद्योपाध्याय को वापस बुला लिया था
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने 29 मई 2021 को एक आदेश जारी कर पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव को दिल्ली वापस बुला लिया था। केंद्र ने राज्य सरकार को उन्हें तत्काल कार्यमुक्त करने को कहा था। सीएम ममता बनर्जी के अनुरोध पर चार दिन पहले ही केंद्र ने अलपन बंद्योपाध्याय को तीन महीने के लिए सेवा का विस्तार दिया था।
इससे पहले भी केंद्र सरकार ने शीर्ष अधिकारियों को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर वापस बुलाया है। इसी साल 2021 पश्चिम बंगाल चुनाव से ठीक पहले तीन आईपीएस अधिकारियों को वापस बुला लिया गया था। बता दें कि राज्य के मुख्य सचिव अलपन बंद्योपाध्याय मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बेहद करीबी माने जाते हैं और 1987 कैडर के आईएएस अधिकारी हैं। उन्हें लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय में प्रतिनियुक्त किया गया है।