पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य में हिंसा के लिए भाजपा को ज़िम्मेदार ठहराया है। बता दें कि पूरे राज्य भर में संशोधित नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ लगातार विरोध प्रदर्शन चल रहा है। मुस्लिम समुदाय के लोगों ने सड़क पर उतर कर कई हिन्दुओं के घरों को जला डाला। जुमे की नमाज के बाद मस्जिद से निकली हजारों की भीड़ ने कई ट्रेनों में तोड़फोड़ की, रेलवे स्टेशनों को तहस-नहस कर दिया और घंटों यात्रियों को बंधक बनाए रखा। इससे कई ट्रेनों का परिचालन ठप्प हुआ और हजारों-लाखों यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। हावड़ा से लेकर मुर्शिदाबाद तक ये घटनाएँ हुईं।
ममता ने इन वारदातों के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा है कि उन्हें हिंसा फैलाने के लिए भाजपा से रुपए मिले थे। उन्होंने आरोप लगाया कि ‘राज्य की बाहरी ताक़तों’ ने मुस्लिम समुदाय का हितैषी होने का दावा करते हुए ये तड़फोड़ मचाई। तृणमूल सुप्रीमो ने दावा किया कि वो इस क़ानून को पश्चिम बंगाल में लागू नहीं होने देंगी। हालाँकि, संसद से पारित हुए क़ानून के सम्बन्ध में राज्य सरकारें ऐसा नहीं कर सकती। फिर भी ममता ने अख़बारों में विज्ञापन देकर इस क़ानून को लागू न करने की बात कही है। राज्यपाल धनखड़ ने इसके लिए मुख्यमंत्री को आड़े हाथों लिया।
ममता ने कहा कि हिंसा फैलाने वाले लोग भाजपा के पिट्ठू हैं। उन्होंने इस एक्ट को ‘काला क़ानून’ बताते हुए कहा कि भले ही उनकी सरकार बर्खास्त हो जाए, वो अपने जीते जी इसे बंगाल में लागू नहीं होने देंगी। ममता ने कहा कि जब तक इसे वापस नहीं लिया जाता, वो लोकतान्त्रिक ढंग से विरोध प्रदर्शन करती रहेंगी। उन्होंने दिल्ली पुलिस पर जामिया के छात्रों के साथ बर्बरता से पेश आने का आरोप लगाया। तृणमूल सुप्रीमो ने कहा कि दूसरों को प्रवचन देने के बदले भाजपा को उन उत्तर-पूर्वी राज्यों की बातें सुननी चाहिए, जहाँ वो सत्ता में है। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में CAA और NRC उनकी लाश पर लागू होगा।
They will have to implement CAB and NRC in #Bangla over my dead body. When we raised our voice against #NRC, we were alone. Now other Chief Ministers are speaking out. I urge them to oppose #CAB also: @MamataOfficial#NoCABNoNRC pic.twitter.com/i1Eix1IzNp
— All India Trinamool Congress (@AITCofficial) December 16, 2019
ममता बनर्जी ने सोमवार (दिसंबर 16, 2019) को संशोधित नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ 3 दिवसीय विरोध प्रदर्शन की शुरुआत की। वो कोलकाता और हावड़ा के विभिन्न हिस्सों में रैलियाँ करेंगी। राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने इन रैलियों को असंवैधानिक और भड़काऊ कृत्य करार दिया है। उन्होंने कहा कि स्थिति विकट है और ऐसे में मुख्यमंत्री का कर्तव्य है कि वो शांति-व्यवस्था बहाल करें।