16 मार्च को दक्षिण कोलकाता में भवानीपुर के शशि शेखर रोड क्षेत्र के लगभग 50 लोग प्रदूषित जल के सेवन के पश्चात बीमार हो गए। भवानीपुर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का विधानसभा क्षेत्र है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार भवानीपुर के वार्ड नंबर 73 एवं वार्ड नंबर 74 में आपूर्ति किया जाने वाला जल निकट के किसी सीवेज निकास तंत्र (Drain) के संपर्क में आने के कारण प्रदूषित हो गया। परिणामस्वरूप लगभग 50 नागरिक गंभीर रूप से डायरिया से पीड़ित होकर अस्पताल में भर्ती हो गए। कई नवजात भी इस प्रदूषित जल के कारण संक्रमित हुए हैं। दो दिनों के अंतराल में ही संक्रमितों की संख्या बढ़कर 55 हो गई। इस प्रदूषित जल के कारण 3 लोगों की मौत हो गई जिनमें एक 5 वर्ष का बच्चा भी शामिल है।
डायरिया के इस कहर के परिणामस्वरूप कोलकाता म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन (KMC) ने लोगों को आपूर्ति का जल उपयोग न करने का निर्देश दिया और जल के टैंकरों को भवानीपुर भेजने का प्रबंध किया।
प्रदूषण मृत्यु का कारक नहीं : फिरहाद हकीम
कोलकाता के मेयर और तृणमूल के नेता फिरहाद हकीम का कहना है, “प्रदूषण तो हुआ है, मैं इससे सहमत हूँ किन्तु घबराहट का माहौल बनाया गया। किसी की प्रदूषित जल के सेवन से मृत्यु होना सामान्य नहीं है। प्लास्टिक के कारण उत्पन्न हुई रुकावट के कारण सीवेज जल आपूर्ति को प्रदूषित कर सकता है। इसके कारण पेट में समस्या हो सकती है किन्तु मौतों को जल के प्रदूषण से जोड़ना गलत है।”
कोलकाता नगरपालिका निगम (KMC) ने जल प्रदूषण को नकारा
केएमसी के सदस्य मैनाक मुखर्जी ने तो यहाँ तक कह दिया है कि जल प्रदूषित ही नहीं हुआ था। मैनाक ने बताया, “हमनें जल के नमूने को स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाई जाने वाली प्रयोगशाला में भेजा। वहाँ से हमें जल में किसी प्रकार का कोई प्रदूषण नहीं मिला।” हालाँकि, स्थानीय नागरिकों द्वारा नल से बदबूदार और गंदे जल की आपूर्ति की शिकायत की गई। निगम प्राधिकरण द्वारा भूमिगत जल प्रणाली में लीकेज की खोज प्रारंभ कर दी गई है।
भवानीपुर में जल प्रदूषण से हुई मौतों के विरुद्ध भाजपा का विरोध प्रदर्शन :
भाजपा ने जल प्रदूषण का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन प्रारंभ कर दिया है। तृणमूल कॉन्ग्रेस के प्रशासन के विरुद्ध प्रदर्शन करते हुए भाजपा नेता शशि अग्निहोत्री ने कहा, “वार्ड नंबर 73, मुख्यमंत्री का निवास स्थान है। यहाँ उनके साथ पार्टी के समन्वयक और चेयरमैन भी हैं। इसके पश्चात भी ऐसी घटना हुई। हमारा प्रदर्शन इसी लापरवाही के विरुद्ध है।”
जल गुणवत्ता की जाँच के लिए सेन्सर :
भवानीपुर मे हुई मौतों के पश्चात आवासीय अवसंरचना विकास निगम ने जल की गुणवत्ता पर नजर रखने के लिए ओवरहेड टैंकों में सेन्सर लगाने का निर्णय लिया है। संस्था ने निर्देशित किया है कि न्यू टाउन एरिया में सार्वजनिक शौचालयों एवं ओवरहेड टैंकों की सफाई की जाए।
एक कर्मचारी के अनुसार न्यू टाउन क्षेत्र में 23 ओवरहेड टैंक हैं जिनमें से नौ टैंकों में जल गुणवत्ता की जाँच के लिए स्मार्ट सेन्सर लगाए जा रहे हैं। इनकी रिपोर्ट प्रत्येक 24 घंटे में तैयार की जाएगी।