पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की राजयसभा में वापसी होगी। अब तक असम से राज्यसभा जा रहे वरिष्ठ कॉन्ग्रेस नेता अब राजस्थान का प्रतिनिधित्व करने की तैयारी कर रहे हैं। वह राज्यसभा उपचुनाव में नामांकन दाखिल करने के लिए राज्य की राजधानी जयपुर पहुँच गए हैं। वह इससे पहले 1991, 1995, 2001, 2007 और 2013 में राज्यसभा जाने के लिए निर्वाचित हो चुके हैं।
86 year old former Prime Minister Dr Manmohan Singh files his nomination papers for Rajya Sabha from Rajasthan. He will be 92 when his term ends. He has been elected to the Upper House in 1991, 1995, 2001, 2007 and 2013. Never in the Lok Sabha. pic.twitter.com/Oll0mDWGTx
— Smita Prakash (@smitaprakash) August 13, 2019
निर्वाचन पक्का
200 सदस्यों वाली विधानसभा में 100 कॉन्ग्रेस के तो विधायक हैं ही, राज्य सरकार को 6 बसपाई और 12 निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन है, इसलिए डॉ. सिंह के निर्वाचन में कोई अड़चन आने की आशंका नहीं है। यह सीट भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदनलाल सैनी के मृत्यु से रिक्त हुई है। 2004-14 तक देश का नेतृत्व करने वाले पूर्व प्रधानमंत्री के खिलाफ अब तक भाजपा ने किसी प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है, क्योंकि राज्य में उसके कुल 73 ही विधायक हैं।
86-वर्षीय डॉ. सिंह की पारंपरिक राज्यसभा सीट असम से थी। लेकिन पिछले विधानसभा चुनावों में वहाँ भाजपा का कब्ज़ा हो जाने के बाद वहाँ से अपना कार्यकाल पूरा कर जब डॉ. सिंह राज्यसभा से विदा हुए तो इसे उनका रिटायरमेंट माना जा रहा था। लेकिन अब वह 3 अप्रैल, 2024 तक राज्यसभा सदस्य रहेंगे, और 92 की उम्र तक उनका कार्यकाल होगा।
ओल्ड गार्ड की वापसी
हाल ही में सोनिया गाँधी के कॉन्ग्रेस अध्यक्ष की कुर्सी अंतरिम तौर पर संभालने को कॉन्ग्रेस में ‘ओल्ड गार्ड’ यानी पुराने कॉन्ग्रेसियों की वापसी के तौर पर देखा जा रहा है। मनमोहन सिंह को सोनिया के सबसे विश्वस्त सिपहसालारों में से एक माना जाता है। ऐसे में कयास यह भी लग रहे हैं कि डॉ. सिंह की राज्यसभा में वापसी सोनिया गाँधी के पार्टी पर नेहरू-गाँधी परिवार की पकड़ मजबूत करने की दिशा में बढ़ाया गया कदम है। राहुल गाँधी के नेतृत्व में ‘युवा तुर्कों’/’न्यू गार्ड’ कहे जाने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया, सचिन पायलट आदि के समूह ने मनमोहन सिंह, अहमद पटेल, गुलाम नबी आज़ाद आदि को हाशिए पर खिसका दिया था। अब जब सोनिया गाँधी दोबारा कॉन्ग्रेस अध्यक्षा के तौर पर सामने हैं और डॉ. सिंह की राज्यसभा में वापसी होने वाली है, तो यह इस बात का सबूत है कि कॉन्ग्रेस एक बार फिर से ओल्ड गार्ड की ओर रुख कर चुकी है।