Monday, December 23, 2024
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CM रावत ने बद्रीनाथ को आध्यात्मिक शहर बनाने के लिए PM मोदी के सामने पेश किया ₹424 करोड़ का मास्टर प्लान

बद्रीनाथ के सौंदर्यीकरण एवं श्रद्धालुओं के लिए सुविधाओं में विस्तार हेतु बनाए गए 424 करोड़ रुपए के मास्टर प्लान के प्रस्तुतिकरण के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बद्रीनाथ को लघु, स्मार्ट और आध्यात्मिक शहर के रूप में विकसित किया जाए।

उत्तराखंड राज्य के प्रसिद्व चार धामों में से ही एक बद्रीनाथ धाम का जल्द ही कायाकल्प होगा। इसके लिए लगभग 424 करोड़ रुपए का मास्टर प्लान तैयार किया गया है। उत्तराखंड सरकार ने बद्रीनाथ धाम के सौंदर्यीकरण और मंदिर के आसपास के श्रद्धालुओं के लिए सुविधाओं के विस्तार के लिए 424 करोड़ रुपए का मास्टर प्लान बुधवार (सितम्बर 09, 2020) को प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के समक्ष पेश किया है।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपने ट्विटर अकाउंट से इसकी जानकारी साझा की है। प्रस्तुतिकरण के अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, प्रदेश के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, मुख्य सचिव ओमप्रकाश तथा पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर मौजूद थे।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि श्री बद्रीनाथ धाम के मास्टर प्लान में इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि वहाँ का पौराणिक एवं आध्यात्मिक महत्व बना रहे। वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए उत्तराखंड सरकार द्वारा बद्रीनाथ के सौंदर्यीकरण एवं श्रद्धालुओं के लिए सुविधाओं में विस्तार हेतु बनाए गए 424 करोड़ रुपए के मास्टर प्लान के प्रस्तुतिकरण के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, कि बद्रीनाथ को लघु, स्मार्ट और आध्यात्मिक शहर के रूप में विकसित किया जाए।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि बद्रीनाथ धाम व केदारनाथ धाम के विकास कार्यों में स्थानीय लोगों का सहयोग मिल रहा है और निकटवर्ती गाँवों में होम स्टे पर काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरस्वती व अलकनंदा के संगम स्थल केशव प्रयाग को भी विकसित किया जा सकता है। सीएम रावत ने कहा कि बद्रीनाथ धाम में व्यास व गणेश गुफा का विशेष महत्व है, जिनके पौराणिक महत्व की जानकारी भी श्रद्धालुओं को मिलनी चाहिए।

उल्लेखनीय है कि बद्रीनाथ के सौंदर्यीकरण का मास्टर प्लान केदारपुरी पुनर्निर्माण की तर्ज पर ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अनुसार तैयार किया गया था। ज्ञात हो कि पीएम मोदी केदारनाथ धाम में पहले से ही चल रही परियोजनाओं की प्रगति की व्यक्तिगत रूप से निगरानी कर रहे हैं।

इस योजना के तहत बद्रीनाथ मंदिर के चारों ओर श्रद्वालुओं के आवागमन की सुविधा के साथ ही अन्य बुनियादी सुविधाओं का भी विस्तार किया जाएगा । चमोली जनपद की जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने मास्टर प्लान को अंतिम रूप देने के लिए हाल में संबधित अधिकारियों के साथ बैठक आयोजित की थी।

उन्होंने मास्टर प्लान के तहत प्रस्तावित निर्माण कार्यो के लिए प्रभावित होने वाली सरकारी एवं प्राइवेट भूमि, भवन और परिसंपत्तियों का पूरा ब्यौरा उपलब्ध कराने के निर्देश एसडीएम को दिए हैं।

रिपोर्ट्स के अनुसार, बद्रीनाथ धाम में तीन चरणों में विकास कार्य होने हैं। पहले चरण के तहत शेष नेत्र झील और बद्रीश झील का सौन्दर्यीकरण, दूसरे चरण के तहत मुख्य मंदिर एवं उसके आस-पास के क्षेत्र का सौन्दर्यीकरण और अंतिम चरण में मंदिर से शेष नेत्र झील को जोड़ने वाले रास्ते का निर्माण कार्य प्रस्तावित है। शेष नेत्र झील नारायण पर्वत की तलहटी में स्थित है।

योजना के तहत बद्रीनाथ धाम में तालाबों के साथ ही मंदिर एवं घाटों का सौन्दर्यीकरण, बद्रीश वन को विकसित करना, पार्किंग सुविधा बढ़ाना, सड़कों का विस्तार एवं ‘रिवर फ्रंट’ विकास आदि भी प्रस्तावित हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बद्रीनाथ के मास्टर प्लान का स्वरूप पर्यटन पर आधारित न होकर पूर्ण रूप से आध्यात्मिक होना चाहिए। पीएम मोदी ने मास्टर प्लान में निकटवर्ती अन्य आध्यात्मिक स्थलों को भी जोडने तथा गृहनिवास (होम स्टे) विकसित करने के भी निर्देश दिए हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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