लोकसभा चुनावों में NDA को बहुमत आने की संभावना नहीं के बराबर है। ऐसे में मायावती या चंद्रबाबू नायडू या ममता बनर्जी देश के अगले प्रधानमंत्री बनने के लिए सबसे उपयुक्त कैंडिडेट हैं। प्रधानमंत्री बनने से पहले नरेंद्र मोदी भी एक मुख्यमंत्री ही थे। ये तीनों भी मुख्यमंत्री हैं या रह चुके हैं। – चौथे चरण के मतदान से ठीक पहले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष शरद पवार ने यह कह कर कॉन्ग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी के लिए नई राजनीतिक चुनौती खड़ी कर दी है।
शरद पवार ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में यह बात कही है। चुनाव-पूर्व गठबंधन की राजनीति में फेल रहे राहुल गाँधी के लिए यह एक स्पष्ट संकेत है। स्पष्ट संकेत इसलिए क्योंकि जो कयास शरद यादव ने NDA को लेकर लगाए हैं, अगर वो सही निकले तो चुनाव-बाद भी UPA का समीकरण कॉन्ग्रेस नहीं बल्कि क्षेत्रीय दलों द्वारा तय किया जाएगा।
राहुल गाँधी कमतर नहीं
पवार ने यह स्पष्ट किया कि उनका कहीं से भी यह मतलब नहीं है कि राहुल गाँधी मायावती या चंद्रबाबू नायडू या ममता बनर्जी से कमतर पीएम कैंडिडेट हैं। पवार को यह स्पष्टीकरण इसलिए देना पड़ा क्योंकि किसी न्यूज चैनल ने ठीक इसके उलट एक खबर चला दी थी। पवार ने सफाई देते हुए कहा कि खुद राहुल गाँधी कई बार बोल चुके हैं कि वो पीएम पद की रेस में नहीं हैं, इसलिए ऐसी बातों का कोई आधार नहीं है।
दिशाहीन ‘गठबंधन’
शरद पवार के अभी के और एक सप्ताह पहले की घटना को जोड़ कर देखेंगे तो हैरानी कम होगी, हँसी ज्यादा आएगी। हुआ यूँ कि एक सप्ताह पहले चंद्रबाबू नायडू और शरद पवार मुंबई में थे। तब नायडू ने कहा था कि वह पीएम पद की ओर नहीं देख रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया था कि उनका लक्ष्य किसी भी तरह लोकसभा चुनाव में बीजेपी को हराना है। ऐसे में दिग्गज राजनेता पवार का यह बयान समझ से परे है। चौथे चरण के लिए जब चुनाव प्रचार थम चुका है, ऐसे महत्वपूर्ण और मझधार वाले समय में भी ‘गठबंधन’ सिर्फ कयासों के दम पर राजनीति कर रही है।
आपको बता दें कि कुछ दिन पहले चुनाव प्रचार के दौरान शरद पवार ने दावा किया था कि इस बार के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को कम से कम 100 सीटें कम मिलेंगी। इसलिए विपक्ष को प्रधानमंत्री पद के लिए नए चेहरों पर विचार-विमर्श करना होगा।
खुद भी पीएम की रेस से बाहर
उन्होंने खुद को भी देश के शीर्ष राजनीतिक पद की रेस से बाहर बताया था। पवार ने कहा था, ‘NCP केवल 22 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। हम 22 की 22 सीटें भी जीतते हैं, तो भी पीएम बनने के बारे में सोचना तर्कहीन होगा।’