जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती के विवादित बयान को लेकर हंगामा मचा है। महबूबा मुफ्ती ने देश के तिरंगे झंडे को लेकर विवादित बयान दिया है, जिसकी बीजेपी के साथ-साथ कॉन्ग्रेस ने भी निंदा की है। अब तिरंगा न उठाने का विवादित बयान देने वाली महबूबा मुफ्ती के खिलाफ एफआईआर की माँग को लेकर पुलिस कमिश्नर को शिकायत भेजी गई है।
सुप्रीम कोर्ट के वकील विनीत जिंदल की ओर से पुलिस कमिश्नर को भेजी शिकायत में कहा गया है कि महबूबा मुफ्ती ने राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया है, लोकतांत्रिक तरीक़े से चुनी सरकार के खिलाफ लोगों को भड़काया है। उनके खिलाफ नेशनल ऑनर एक्ट और धारा 121, 151, 153A, 295, 298, 504 और 505 के तहत FIR दर्ज होनी चाहिए।
पत्र में जिंदल ने कहा है कि उनकी टिप्पणी – ‘डाकुओं ने हमारा झंडा छीन लिया है’ लोगों को उकसा रही है और इससे नफरत एवं अशांति पैदा करने की स्पष्ट मंशा दिखती है। इसके अतिरिक्त पत्र में महबूबा मुफ्ती का जिक्र करते हुए कहा गया है कि उनका इरादा यह दिखाने का है कि जम्मू कश्मीर भारतीय क्षेत्र नहीं है, इसका अलग अस्तित्व है। जिंदल द्वारा लिखे गए पत्र में दिल्ली पुलिस कमिश्नर से उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने और कड़ी कार्रवाई करने का आग्रह किया गया है।
इधर जम्मू कश्मीर भाजपा ने पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती के ‘देशद्रोही’ बयान के लिए उनकी गिरफ्तारी की माँग की। भाजपा ने कहा कि ‘धरती की कोई ताकत’ वह झंडा फिर से नहीं फहरा सकती और अनुच्छेद 370 को वापस नहीं ला सकती। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष रवींद्र रैना ने संवाददाताओं से कहा, “मैं उप राज्यपाल मनोज सिन्हा से अनुरोध करता हूँ कि वह महबूबा मुफ्ती के देशद्रोही बयान का संज्ञान लें और उन्हें सलाखों के पीछे डालें।”
उन्होंने कहा, “हम अपने ध्वज, देश और मातृभूमि के लिए अपने खून की हर बूँद का बलिदान करेंगे। जम्मू-कश्मीर हमारे देश का एक अभिन्न अंग है, इसलिए वहाँ केवल एक ही झंडा फहराया जा सकता है और वह है राष्ट्रीय ध्वज।”
रवींद्र रैना ने कहा, “मैं महबूबा मुफ्ती जैसे नेताओं को चेतावनी देता हूँ कि आप लोग कश्मीर की जनता को भड़काइए मत। हम किसी को भी शांति और भाईचारे को खत्म करने की इजाजत नहीं देंगे। अगर कुछ भी गलत हुआ तो वो इसका परिणाम भुगतेंगी।” भाजपा नेता ने यह भी कहा कि यदि कोई “कश्मीरी नेता भारत में असुरक्षित महसूस कर रहे हैं, तो वे पाकिस्तान और चीन जा सकते हैं।”
वहीं दूसरी तरफ कॉन्ग्रेस पार्टी ने भी महबूबा मुफ्ती के इस बयान पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए नाराजगी जताई है। जम्मू-कश्मीर प्रदेश कॉन्ग्रेस समिति (JKPCC) ने पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती द्वारा तिरंगे झंडे को लेकर दिए गए बयान की शुक्रवार को कड़ी निंदा की और कहा कि यह स्वीकार करने योग्य नहीं है। इससे लोगों की भावनाएँ आहत हुई हैं।
जेकेपीसीसी के अध्यक्ष रवींद्र शर्मा ने कहा, “ऐसे बयान किसी भी समाज में बर्दाश्त करने लायक नहीं हैं और अस्वीकार्य हैं।” उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय ध्वज देश के सम्मान का प्रतीक है। शर्मा ने कहा, “उन्हें (महबूबा) इस तरह के अपमानजनक बयानों से बचना चाहिए।”
गौरतलब है कि महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार (अक्टूबर 23, 2020) को श्रीनगर में अपने आवास पर हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि जब तक उनका झंडा (जम्मू कश्मीर का पुराना झंडा) वापस नहीं मिल जाता, तब तक वह दूसरा झंडा (तिरंगा) नहीं उठाएँगी। मुफ्ती ने कहा कि उनका झंडा डाकुओं ने ले लिया है।
14 महीने तक हिरासत में रहने के बाद हाल ही में रिहा हुई महबूबा मुफ्ती ने कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों से बात करते हुए कहा था, “जब तक केंद्र सरकार हमारे हक (अनुच्छेद 370) को वापस नहीं करते हैं, तब तक मुझे कोई भी चुनाव लड़ने में दिलचस्पी नहीं है।” उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को बहाल करने तक उनका संघर्ष खत्म नहीं होगा। वह कश्मीर को पुराना दर्जा दिलवाने के लिए जमीन आसमान एक कर देंगी।