निर्भया गैंगरेप के दोषियों को 22 जनवरी को फाँसी नहीं दी जाएगी दिल्ली सरकार ने जानकारी दी है कि आरोपितों द्वारा दायर की गई क्षमा याचिका के आलोक में तय तारीख को फाँसी नहीं दी जा सकती। हालाँकि, दिल्ली सरकार के वकील ने ये भी कहा है कि दोषी मुकेश द्वारा दायर की गई क्षमा याचिका असामयिक है। बुधवार (जनवरी 15, 2020) को आरोपितों की क्षमा याचिका को उपराज्यपाल कार्यालय को भेजा जाएगा। जब उनकी क्षमा याचिका को नकार दिया जाएगा, उसके बाद उन्हें पुलिस द्वारा 14 दिनों की नोटिस दी जाएगी।
बता दें कि दिल्ली सरकार की तरफ़ से इस मामले में राहुल मेहरा जिरह कर रहे हैं। मेहरा ने अदालत में बताया कि निर्भया के गुनहगारों को 22 जनवरी की तय तारीख़ पर फाँसी नहीं दी जा सकती। उन्होंने कारण बताते हुए कहा कि क्षमा याचिका खारिज होने के बाद 14 दिनों की नोटिस थमाई जाएगी और तब फाँसी दी जा सकती है। उन्होंने आरोप लगाया कि दोषियों ने क़ानूनी प्रक्रिया में गड़बड़ी करने और केस को लम्बा खींचने के लिए क्षमा याचिका दाखिल किया है।
Mehra: Execution will surely not take place on Jan 22. It can only take place 14 days after the mercy plea is rejected. Therefore, this plea moved by Mukesh is premature
— Live Law (@LiveLawIndia) January 15, 2020
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बता दें कि निर्भया के गुनहगारों के फाँसी की ‘प्रैक्टिस’ भी की जा चुकी है। उन सभी के परिवारों को उनसे मिलाया जा चुका है। जेल प्रशासन ने बताया था कि उन सबसे पूछा जाएगा कि वो अपने परिवारों से अंतिम बार कब मिलना चाहते हैं। अगर उन्होंने जवाब नहीं दिया तो 20 जनवरी को स्वतः परिवार से अंतिम बार मिलाने की तारीख तय की जाएगी।