कर्नाटक में सियासी संकट गहरा गया है। जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) के वरिष्ठ नेता और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने शुक्रवार (21 जून) को जो बयान दिया उससे यह संकेत मिलता है कि राज्य में कभी भी मध्यावधि चुनाव हो सकते हैं। फ़िलहाल, राज्य में कॉन्ग्रेस-जेडीएस की गठबंधन सरकार है।
Former PM & JDS leader HD Deve Gowda in Bengaluru: There is no doubt that there will be mid-term polls. They said they will support us for 5 years but look at their behaviour now. Our people are smart. #Karnataka pic.twitter.com/OjGsy2lKYW
— ANI (@ANI) June 21, 2019
पूर्व प्रधानमंत्री देवगौड़ा के इस बयान से यह संकेत स्पष्ट नज़र आता है कि कॉन्ग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार में सब कुछ ठीक नहीं है। दोनों दलों के बीच खटास उभरकर सामने आ रही है। ख़बर के अनुसार, कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने केंद्रीय नेतृत्व से कहा है कि कॉन्ग्रेस को इस गठबंधन का लाभ न होकर नुक़सान हुआ है। इस बात को ध्यान में रखते हुए जल्द से जल्द पार्टी नेतृत्व को निर्णय लेना चाहिए।
इससे पहले, कर्नाटक में कॉन्ग्रेस विधायकों के बीजेपी में शामिल होने की अटकलें भी लगती रही हैं। कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के बयान के बाद एचडी देवगौड़ा की यह प्रतिक्रिया बेहद अहम मानी जा रही है। देवगौड़ा ने कहा, “कुछ लोग जेडीएस के साथ कॉन्ग्रेस का गठबंधन नहीं चाहते। गठबंधन सरकार चलानी है अथवा नहीं, इसका फ़ैसला जनता को कर लेने दें।”
ऐसा पहली बार नहीं है कि जब गठबंधन सरकार में खींचतान की ख़बरें सामने आई हों, इससे पहले भी मुख्यमंत्री कुमारस्वामी कई बार गठबंधन सरकार चलाने का दर्द बयाँ कर चुके हैं। हाल ही में उन्होंने बयान दिया था कि वो रोज जिस ‘दर्द’ से गुज़रते हैं, वो उसे जनता से बयाँ नहीं कर सकते। एक रैली को संबेधित करते हुए उन्होंने कहा था, “मैं आपको बता नहीं सकता खुल के कि मैं किन समस्याओं का सामना कर रहा हूँ। मैं मुख्यमंत्री हूँ लेकिन मैं हर दिन जो दर्द सहता हूँ वह बाँट नहीं सकता। अगर मैं करूँगा (दर्द साझा) तो मुझ पर यह सवाल उठेगा कि मैं लोगों की समस्याएँ कैसे सुलझा रहा हूँ। एक ओर मुझे सरकार के शांतिपूर्वक चलते रहने का ध्यान रखना पड़ता है, दूसरी ओर नौकरशाहों को यह यकीन दिलाना पड़ता है कि यह सरकार सुरक्षित है। यह सब ज़िम्मेदारियाँ हैं मुझ पर।”
कर्नाटक के मुख्यमंत्री कुमारस्वामी इससे पहले भी कई बार अपना दुःख प्रकट कर चुके हैं। लोकसभा निर्वाचन के समय प्रचार करते हुए उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के चेहरे की कथित ‘वैक्सिंग’ पर नाराज़गी जताई थी, और कहा था कि मोदी को मीडिया अधिक इसीलिए दिखाता है क्योंकि उनके चेहरे पर वैक्सिंग की चमक है, जबकि कुमारस्वामी (और अन्य ‘आम’ नेता) एक बार सुबह नहा कर निकलते हैं तो फिर अगले दिन सुबह ही नहाते हैं। इसीलिए उनका चेहरा टीवी पर अच्छा नहीं लगता और मीडिया उन्हें दिखाना पसंद नहीं करता। इसके अलावा अपने गठबंधन साथी कॉन्ग्रेस के ‘दुर्व्यवहार’ से नाराज़ होकर वह इस्तीफे की भी धमकी दे चुके हैं,कॉन्ग्रेस पर खुद को ‘क्लर्क’ बना देने का भी आरोप उन्होंने लगाया था।