दिल्ली (Delhi) में अवैध रूप से रह रहे म्यामांर (Myanmar) के रोहिंग्या मुस्लिम (Rohingya Muslims) घुसपैठियों को आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के लिए बने फ्लैटों में स्थानांतरित करने की खबरों के बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जवाब दिया है। मंत्रालय ने कहा है कि रोहिंग्याओं को मदनपुर खादर से बकरवाला स्थित EWS फ्लैट में स्थानांतरित करने का निर्णय अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के नेतृत्व वाली दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार (AAP Government) का था।
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय कुमार मिश्रा की तरफ से जारी पत्र में कहा गया है कि दिल्ली सरकार के समाज कल्याण विभाग और गृह विभाग की तरफ से ही यह प्रस्ताव दिया गया। 29 जुलाई 2022 को दिल्ली के मुख्य सचिव की बैठक में बकरवाला क्षेत्र में केवल अवैध रोहिंग्या मुस्लिमों को स्थानांतरित करने का निर्णय लिया गया।
पत्र में राज्यमंत्री ने कहा कि है कि उस दौरान बैठक में उपस्थित गृहमंत्रालय के निदेशक और दिल्ली के FRRO ने दिल्ली सरकार को बताया कि भारत शरणार्थियों से संबंधित संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन-1951 और 1967 के उसके प्रोटोकॉल का हस्ताक्षरकर्ता नहीं है। इसलिए UNHCR के शरणार्थी कार्ड का भारत में कोई वैधता नहीं है। इस कार्ड के धारक भारत में अवैध हैं।
पत्र में आगे कहा गया है कि 17 अगस्त 2022 को रोहिंग्याओं को EWS फ्लैट में स्थानांतरित करने के दिल्ली सरकार के फैसले की जानकारी मिलने के बाद गृहमंत्रालय ने दिल्ली को पत्र लिखा और ऐसा नहीं करने के लिए कहा। इसके साथ ही इन घुसपैठियों के खिलाफ विदेशी अधिनियम-1946 एवं संबंधित प्रावधानों के अंतर्गत कार्रवाई करने के लिए कहा गया।
पत्र में यह भी कहा गया है कि गृहमंत्रालय समय-समय पर सभी राज्य सरकारों को पत्र लिखकर रोहिंग्या सहित सभी अवैध विदेशियों की पहचान करने और उन्हें वापस भेजने के लिए लिखता रहा है। इसलिए इन अवैध घुसपैठियों के खिलाफ भी दिल्ली सरकार नियमानुसार कार्रवाई करे।
दरअसल, यह पूरा विवाद केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी (Hardeep Singh Puri) के ट्वीट के बाद उठा। पुरी ने अपने ट्वीट में कहा था कि राष्ट्रीय राजधानी (NCR) में रहने वाले रोहिंग्या शरणार्थियों को EWS फ्लैटों में स्थानांतरित किया जाएगा। इसके बाद सोशल मीडिया पर लोग इसकी आलोचना करने लगे। इसके बाद बुधवार (17 अगस्त 2022) को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार ने इस तरह का कोई निर्णय नहीं लिया है।
उधर विवाद बढ़ने के बाद दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने गुरुवार (18 अगस्त 2022) को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (MHA Amit Shah) को पत्र लिख था। इसमें उन्होंने आग्रह किया था कि इस बात की ‘निष्पक्ष जाँच’ की जाए कि किसके निर्देश पर यह निर्णय लिया गया था।
सिसोदिया ने इसे ‘साजिश’ बताया था और आरोप लगाया था कि यह निर्णय केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस के कुछ अधिकारियों ने लिया था। उन्होने कहा था कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को इस मामले में पूरी तरह ‘अंधेरे’ में रखा गया।
बता दें कि पिछले साल केजरीवाल सरकार ने रोहिंग्याओं को 240 फ्लैट्स दिलाने का प्रस्ताव नई दिल्ली नगर परिषद (New Delhi Municipal Council) के सामने रखा था। इसका खुलासा दिल्ली के भाजपा सांसद गौतम गंभीर (BJP MP Gautam Gambhir) ने किया था। इस पत्र के दाईं ओर ऊपर में ‘URGENT’ लिखकर उसे अंडर लाइन भी किया गया है।
भाजपा सांसद गौतम गंभीर ने इसे शेयर करते हुए लिखा था, “आज दिल्ली के बेशर्म सीएम पूरी तरह बेनकाब हो गए हैं। उन्होंने रोहिंग्याओं के लिए बक्करवाल में फ्लैट माँगते हुए एक पत्र भेजा और अब वह वही कर रहे हैं जिसके लिए उन्हें जाना जाता है।” उन्होंने सीएम केजरीवाल को ‘गटर छाप राजनीति’ करने वाला मुख्यमंत्री भी बताया।