कर्नाटक भाजपा अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा की उम्मीदों पर मानो पानी फिर गया। दरअसल, उनकी दिली तमन्ना है कि वो कर्नाटक के मुख्यमंत्री बनें और इसलिए वो काफी समय से प्रयासरत हैं कि कर्नाटक में कॉन्ग्रेस-जेडीएस गठबंधन किसी तरह से टूट जाए। उनकी इस मंशा पर विराम लगाते हुए प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह ने उन्हें निर्देश दिया है कि वो वर्तमान राज्य सरकार को अस्थिर करने का प्रयास न करें।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह के बाद दिल्ली से रवाना होते समय शुक्रवार (31 मई) को येदियुरप्पा ने पत्रकारों से कहा, “पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने सख़्त निर्देश देते हुए कहा है कि गठबंधन सरकार को अस्थिर करने की कोशिश ना की जाए। यह फ़ैसला हो चुका है कि भाजपा गठबंधन सरकार को गिराने की कोशिश नहीं करेगी। मुझे पूरा विश्वास है कि सिद्धारमैया ख़ुद अपने कुछ विधायकों को मेरे पास भेज रहें हैं और वो राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश कर रहे हैं।”
BS Yeddyurappa, BJP: I have just returned from Delhi. Our leaders have instructed me not to involve in any move that will scuttle the govt in the state. I believe that Siddaramaiah is sending some of his MLAs to me and is trying to take political leverage. #Karnataka (31.05.2019) pic.twitter.com/Vbozh2xYjy
— ANI (@ANI) June 1, 2019
इसके अलावा येदियुरप्पा ने यह भी कहा, “हम फिलहाल चुप रहेंगे। वे (कॉन्ग्रेस) आपस में लड़ सकते हैं और कुछ भी हो सकता है। हमें स्पष्ट रूप से सूचित किया गया है कि राज्य में सरकार को परेशान करने का प्रयास न करें।”
BS Yeddyurappa, BJP: We will remain silent for the time being. They (Congress) may fight with each other and anything can happen. We’ve been clearly informed not to disturb or attempt to topple the government in the state. #Karnataka (31.05.2019) https://t.co/svOAkefdUa
— ANI (@ANI) June 1, 2019
येदियुरप्पा ने इस बात का भी ज़िक्र किया कि फ़िलहाल पार्टी को सत्ता में आने की कोई जल्दी नहीं है क्योंकि राज्य इकाई के पास ज़िम्मेदार विपक्षी पार्टी होने के तौर पर काम करने की सभी क्षमताएँ मौजूद हैं। ख़बर के अनुसार, येदियुरप्पा ने मध्यावधि चुनाव की आशंका से पूरी तरह इनकार नहीं किया और कहा, “मैं इस समय मध्यावधि चुनाव को लेकर अटकलें नहीं लगाना चाहता।” येदियुरप्पा के इस बयान से ऐसा प्रतीत होता है कि केंद्रीय नेतृत्व कर्नाटक राज्य में सरकार बनाने को लेकर चिंतित नहीं है।