Saturday, November 16, 2024
Homeराजनीतियोगी मॉडल बनेगी नई मिसाल, 2047 तक बना रहेगा भाजपा का दबदबाः ‘न्यू BJP’...

योगी मॉडल बनेगी नई मिसाल, 2047 तक बना रहेगा भाजपा का दबदबाः ‘न्यू BJP’ वाले नलिन मेहता का लेख, बताया- कॉन्ग्रेस से अच्छे दिन बहुत दूर

टीओआई में प्रकाशित लेख में नलिन मेहता ने 2047 तक हिंदुत्व के प्रभाव की चर्चा करते हुए अनुमान लगाया कि संभवत: तब तक तेलंगाना, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और हो सकता है कि तमिलनाडु में भी भाजपा का कोई न कोई मुख्यमंत्री बन जाए।

प्रोफेसर नलिन मेहता का एक लेख टाइम्स ऑफ इंडिया (TOI) में प्रकाशित हुआ है। इसमें उन्होंने कहा है कि भारतीय राजनीति में बीजेपी की जड़ें इतनी गहरी हो चुकी हैं कि 2047 तक उसका वर्चस्व बना रह सकता है। मेहता स्कूल ऑफ मॉडर्न मीडिया, UPES के डीन हैं। ‘द न्यू बीजेपी’ नाम से किताब भी लिख चुके हैं।

लेख में उन्होंने रजनी कोठारी के एक लेख का जिक्र करते हुए यह भी कहा है कि भारतीय राजनीतिक व्यवस्था में कभी जो प्रभुत्व कॉन्ग्रेस का था, उस जगह पर अब बीजेपी आसीन है। कोठारी ने ‘भारत में कॉन्ग्रेस सिस्टम’ नाम से यह लेख 1964 में जवाहर लाल नेहरू की मृत्यु के कुछ महीने बाद लिखा था। 

इस लेख में कहा गया था कि बहुदलवादी लोकतंत्र होने के बावजूद भारतीय राजनीतिक व्यवस्था में एक पार्टी का दबदबा है। कॉन्ग्रेस के दबदबे के कारण दूसरी पार्टियाँ मजबूत नहीं हो पाईं हैं। लेकिन मेहता के अनुसार देश की स्वतंत्रता के 50वाँ वर्ष आते-आते यह धारणा काफी हद तक ध्वस्त हो गई। 

अब जब हम स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में हैं तो बीजेपी उसी जगह पर जड़ें जमा चुकी है। 2014 में नरेंद्र मोदी के राष्ट्रीय पटल उभार के बाद बीजेपी जिस तरीके से आगे बढ़ी है, उससे 2047 तक उसका प्रभुत्व कायम रह सकता है। वह हारे या जीते चुनाव उसके इर्द-गिर्द ही सिमटे रहेंगे। कुछ-कुछ वैसा ही जैसे कभी चुनाव कॉन्ग्रेस के लिए या कॉन्ग्रेस के खिलाफ हुआ करते थे। 

टीओआई में प्रकाशित नलिन मेहता का पूरा लेख आप इस लिंक पर क्लिक कर पढ़ सकते हैं। 

इसमें उन्होंने बताया है कि कैसे समय के साथ भाजपा का वोट शेयर देश में बढ़ रहा है। साल 2009 में भाजपा का वोट शेयर नॉर्थ ईस्ट भारत में 12.8% था, लेकिन 2019 में उसका वोट शेयर वहाँ 33.7% हो गया है। पूर्वी भारत में ये 9.3% से 39.7 % बढ़ा है। इसी तरह पश्चिमी भारत में ये वोट शेयर 27.6% से 39.8% हो गया है और दक्षिण भारत में यह 11.9% से 17.9% हो गया है।

उन्होंने 2047 तक भारत में हिंदुत्व के प्रभाव की चर्चा करते हुए अनुमान लगाया कि संभवत: तब तक तेलंगाना, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और हो सकता है कि तमिलनाडु में भी भाजपा का कोई न कोई मुख्यमंत्री बन जाए। उन्होंने कहा कि किसी जमाने में जब कॉन्ग्रेस का दबदबा था जब ये हिंदुत्व भाजपा के विस्तार में रोड़ा था, लेकिन आज ये उनका ब्रांड हो गया है।

मेहता कहते हैं कि ऐसी उम्मीद है कि भाजपा अगले दो दशक में हिंदुत्व के साथ आगे बढ़ेगी और इस तरह योगी मॉडल कई महत्वकांक्षी भाजपा नेताओं के लिए एक मिसाल होगा।

लेख में आगे उन्होंने भाजपा-आरएसएस के संबंधों पर बात की। ये भी बताया कि कैसे 2014-2019 के बीच में भाजपा चीन की कम्युनिस्ट पार्टी से भी बड़ी पार्टी बनी है। आज इसके 174 मिलियन सदस्य हैं। लेख में कहा गया कि भाजपा ने नई महिला वोटरों को सशक्त और ग्रामीण भारत को एडवांस बनाया। उन्होंने भारत के दो तिहाई जिलों में 522 ऑफिस कार्यालय खोले।

लेख में कॉन्ग्रेस की कमी पर बात करते हुए मेहता ने कहा कि कोई राष्ट्रीय विपक्ष न होने के कारण भाजपा को आगे बढ़ने में मदद मिल रही है। अगर अभी कोई विपक्ष है तो वो क्षेत्रीय स्तर पर है। मोदी के बाद शायद एक राष्ट्रीय स्तर पर कोई विपक्ष उभरे। उनके अनुसार आम आदमी पार्टी हो सकता है कि कॉन्ग्रेस को हटाकर अपनी जगह बनाए।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

जिनके पति का हुआ निधन, उनको कहा – मुस्लिम से निकाह करो, धर्मांतरण के लिए प्रोफेसर ने ही दी रेप की धमकी: जामिया में...

'कॉल फॉर जस्टिस' की रिपोर्ट में भेदभाव से जुड़े इन 27 मामलों में कई घटनाएँ गैर मुस्लिमों के धर्मांतरण या धर्मांतरण के लिए डाले गए दबाव से ही जुड़े हैं।

‘गालीबाज’ देवदत्त पटनायक का संस्कृति मंत्रालय वाला सेमिनार कैंसिल: पहले बनाया गया था मेहमान, विरोध के बाद पलटा फैसला

साहित्य अकादमी ने देवदत्त पटनायक को भारतीय पुराणों पर सेमिनार के उद्घाटन भाषण के लिए आमंत्रित किया था, जिसका महिलाओं को गालियाँ देने का लंबा अतीत रहा है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -