चुनाव नज़दीक होने के कारण इन दिनों हर उम्मीदवार सिर्फ़ इसी जद्दोजहद में जुटा होगा कि किस तरह से मतदाताओं को आकर्षित करके जीत हासिल की जाए। इन दिनों कोई सपने में भी हारने की नहीं सोचता होगा। लेकिन भारतीय राजनीति में एक शख्स ऐसा भी है जो अब तक अपने जीवन में 170 चुनाव लड़ चुका है, लेकिन एक भी नहीं जीत पाया।
इस शख्स का नाम डॉ के पद्मराजन है। जिन्होंने लगातार चुनावों में हारने के बाद भी रिकॉर्ड कायम किया है। उनका नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में ‘भारत के सबसे असफल उम्मीदवार’ के रूप में भी दर्ज हो चुका है।
इनसे मिलिए, तमिलनाडु के. पद्मराजन ऐसे ही शख़्स है जो 168 बार चुनाव लड़ चुके है और इस बार फिर राष्ट्रपति का चुनाव लड़ने वाला है pic.twitter.com/wGL7zG7iL1
— Chowkidar Anup Rathour (@anup_rathour) June 17, 2017
तमिलनाडु के सलेम के रहने वाले डॉ पद्मराजन ने पहली बार चुनाव 1988 में लड़ा था, लेकिन उन्हें इसमें जीत हासिल नहीं हुई। लेकिन पद्मराजन हार से पस्त पड़ने वालों में से नहीं थे। नतीजन उनका जज़्बा कम नहीं हुआ। वह लगातार चुनावों में उतरे और हारते रहे। 60 साल के पद्मराजन अब तक 170 चुनाव लड़ चुके हैं लेकिन उन्हें एक में भी सफलता प्राप्त नहीं हुई है।
पेशे से डॉ पद्मराजन एक होम्योपैथिक डॉक्टर हैं, जोकि अब एक बिजनेसमैन भी बन चुके हैं। अब वह खुद को ऑल इलेक्शन किंग बोलता है। 1988 से लेकर अब तक वह स्थानीय चुनावों से लेकर लोकसभा चुनावों तक में अपना हाथ आजमा चुके हैं और हर जगह असफल हुए हैं।
आपको यह खबर थोड़ी हास्यास्पद लग सकती है लेकिन पद्मराजन ने अटल बिहारी वाजपेयी, मनमोहन सिंह, प्रणब मुखर्जी, एपीजे अब्दुल कलाम, जयललिता, पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी, पूर्व राष्ट्रपति के. आर. नारायण, पूर्व विदेश मंत्री एसएम कृष्णा जैसे दिग्गजों के ख़िलाफ़ भी चुनाव लड़ा है। साथ ही 2017 में ये राष्ट्रपति पद के लिए भी चुनाव लड़ चुके हैं।
168 बार चुनाव लड़ चुके के. पद्मराजन इस बार लड़ेंगे राष्ट्रपति चुनाव।सेलम निवासी पद्मराजन की 1988 से अब तक 20 लाख की जमानत जब्त हो चुकी है। pic.twitter.com/tROAdGcZp0
— Srivatsan (@kj_srivatsan) June 17, 2017