मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार पिछले साल विधान सभा चुनाव से पहले किए गए वादों को लेकर लगातार यू-टर्न ले रही है। कॉन्ग्रेस ने चुनाव प्रचार के दौरान अपने घोषणापत्र में प्रदेश के युवाओं को 4000 हजार रुपए तक का बेरोजगारी भत्ता देने का वादा किया था। मगर मंगलवार (जुलाई 23, 2019) को कमलनाथ सरकार इस वादे से मुकर गई। मध्य प्रदेश की कॉन्ग्रेस सरकार ने कहा कि राज्य में बेरोजगार युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देने की कोई योजना नहीं है। मुख्यमंत्री ने ये जानकारी कॉन्ग्रेस विधायक मुन्नालाल गोयल के प्रश्र के लिखित जवाब में दी। जब मुन्नालाल गोयल ने कमलनाथ से बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराने या उन्हें बेरोजगारी भत्ता देने की नीति के बारे में पूछा तो उन्होंने इसका जवाब ‘नहीं’ में दिया।
MP Assembly Monsoon session: बेरोजगारी भत्ता देने की सरकार की कोई योजना नहीं https://t.co/ig920DFHqo pic.twitter.com/bBNvJ1eS5j
— NaiDunia (@Nai_Dunia) July 23, 2019
सरकार का कहना है कि प्रदेश में युवा स्वाभिमान योजना, मुख्यमंत्री कौशल संवर्धन योजना, मुख्यमंत्री कौशल्या योजना एवं प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना तथा आईटीआई एवं पॉलीटेक्निक के माध्यम से कौशल संवर्धन का कार्य किया जा रहा है, जिससे उन्हें रोजगार प्राप्त हो सके। इसके अतिरिक्त जॉब फेयर योजना के तहत रोजगार मेलों का आयोजन किया जाता है, जहाँ उन्हें निजी क्षेत्र द्वारा रोजगार के लिए चयनित किया जाता है।
बता दें कि इससे पहले नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने भी बेरोजगारी भत्ता को लेकर कमलनाथ सरकार पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि सरकार ने झूठे वादे करके युवाओं के साथ धोखा किया है। सरकार को मावा बाटी, जलेबी और चिरौंजी बर्फी की ब्रांडिंग करने की जगह युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए ठोस नीति बनाने की जरूरत है।