कमलनाथ के नेतृत्व वाली मध्य प्रदेश सरकार ने कॉन्ग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं पर दर्ज केस वापस लेने का निर्णय किया है। मध्य प्रदेश सरकार ऐसे 50,000 मुकदमे वापस लेगी जो पिछले 15 साल में भाजपा सरकार के कार्यकाल में पूरे प्रदेश में कॉन्ग्रेसी नेताओं पर दर्ज हुए। मध्य प्रदेश के कानून मंत्री पी सी शर्मा ने इस बाबत दिसंबर 2018 में बयान दिया था।
इस वर्ष जनवरी में मुख्यमंत्री कमलनाथ की कैबिनेट ने यह निर्णय लिया था। सभी मुकदमों की पहचान के लिए 3 सदस्यों वाली एक जिला स्तरीय कमिटी बनाई गई थी जिसमें जिला कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक और जिला प्रॉसिक्यूटर सम्मिलित थे। समिति ने अपनी रिपोर्ट राज्य के गृह मंत्रालय को सौंपी थी जिसके बाद यह निर्णय लिया गया।
एशियन एज की खबर के अनुसार समिति ने ऐसे 50,000 मुकदमे चिन्हित किए जो पिछले 15 वर्षों में भाजपा सरकार के कार्यकाल में कॉन्ग्रेसी कार्यकर्ताओं व नेताओं पर दर्ज किए गए थे। मप्र में विपक्ष में बैठी भाजपा ने इसका विरोध किया है।