Monday, December 23, 2024
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जेल में बंद माफिया मुख़्तार अंसारी के भाई अफजाल को सपा का टिकट, गैंगस्टर एक्ट में सज़ा के बाद रद्द हो गई थी सांसदी: गाजीपुर से फिर लड़ेगा चुनाव

सपा की दूसरी सूची ऐसे समय में आई है जब कॉन्ग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' लेकर यूपी में ही पहुँचे हुए हैं।

समाजवादी पार्टी ने लोकसभा चुनाव 2024 के लिए अपने प्रत्याशियों की दूसरी सूची जारी कर दी है। इसमें जेल में बंद माफिया मुख़्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी का भी नाम है, जिसे गाजीपुर क्षेत्र से मैदान में उतारा गया है। मुख़्तार अंसारी को फ़िलहाल बांदा जेल में बंद रखा गया है। मुख़्तार अंसारी इससे पहले जेल में से चुनाव जीत चुका है। 2022 में मऊ विधानसभा क्षेत्र से उसने अपने बेटे अपने बेटे अब्बास को टिकट दिखाया था और वो जीत दर्ज करने में भी कामयाब रहा था।

खुद मुख़्तार अंसारी लगातार 5 बार यहाँ से चुनाव जीत चुका है और 26 वर्षों तक विधायक बन कर बैठा रहा। मुख़्तार अंसारी और अब्बास अंसारी का बड़ा भाई सिबगतुल्लाह अंसारी मोहम्मदाबाद से लगातार 2 बार विधायक रह चुके हैं। अब उनके बेटे सुहैब इस क्षेत्र से विधायक हैं। ताज़ा सूची में अखिलेश यादव ने कई ऐसी सीटों पर भी अपने उम्मीदवार उतारे हैं, जहाँ कॉन्ग्रेस भी खत्म ठोक रही है। ऐसे में अब उत्तर प्रदेश में I.N.D.I. गठबंधन का बुरा हाल होता हुआ दिख रहा है।

सपा ने अब तक यूपी की 80 लोकसभा सीटों में से 27 पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। दूसरी सूची ऐसे समय में आई है जब कॉन्ग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ लेकर यूपी में ही पहुँचे हुए हैं। इस यात्रा में अखिलेश यादव अब तक शामिल भी नहीं हुए हैं और इसका कारण सीट शेयरिंग में दोनों दलों में अनबन माना जा रहा है। जयंत चौधरी की RLD पहले ही सपा को झटका देकर भाजपा गठबंधन का हिस्सा बन चुकी है, जिसके बाद पश्चिमी यूपी में NDA मजबूत हुआ है।

बताते चलें कि अफजाल अंसारी ने लोकसभा चुनाव 2019 में गाजीपुर से ही भाजपा के मनोज सिन्हा को हराया था। मनोज सिन्हा फ़िलहाल जम्मू कश्मीर के उप-राज्यपाल हैं, तब वो केंद्र में मंत्री हुआ करते थे। अफजाल अंसारी को गैंगस्टर एक्ट के तहत 4 साल की सज़ा सुनाई गई थी। वहीं उसके भाई मुख़्तार को 10 साल की सज़ा सुनाई गई थी। मुख्तार और अफजाल अंसारी की सजा पर कोर्ट के फैसले के बाद कृष्णानंद राय के बेटे पीयूष राय ने कहा था कि उनकी माँ ने कई सालों तक संघर्ष किया है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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