उत्तर प्रदेश में भाजपा ने 62 सीटों पर भारी मतों से अपनी जीत दर्ज कराई है। हालाँकि माना जा रहा था कि प्रदेश में सपा-बसपा-रालोद के महागठबंधन से भाजपा को काफ़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। मोदी लहर में गठबंधन तिनके की तरह उड़ गया। जीत को लेकर आश्वस्त बसपा-सपा को सिर्फ़ 10 और 5 सीटें लेकर संतोष करना पड़ा।
याद दिला दें कि बसपा से गठबंधन होने के बाद सपा के पूर्व अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने अपनी नाराज़गी जाहिर की थी। उनका कहना था कि उनके बेटे अखिलेश ने उनसे बिना पूछे ये कदम उठाया। इसका खामियाजा पार्टी को भुगतना पड़ेगा। मुलायम सिंह यादव ने गठबंधन पर अपनी राय रखते हुए कहा था, “अखिलेश मायावती के साथ आधी सीटों पर गठबंधन किया है। आधी सीटें देने का आधार क्या है? अब हमारे पास केवल आधी सीटें रह गई हैं। हमारी पार्टी कहीं अधिक दमदार है।”
ये सच्चाई है कि भले ही अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए समाजवादी गुंडो द्वारा खुद पर हुई बदसलूकी मायावती ने भूला दी हो, पर एक असली पीडित अपने ऊपर हुए अत्याचार को नही भूला था और उसने गुंडा पार्टी को वोट नही दिया।
— Ferry (@Atheist_Ferry) May 24, 2019
मुलायम ये भली भांति जानते थे।#ModiReturnshttps://t.co/vEOBBx1J6w
दरअसल, उस समय मुलायम सिंह को डर था कि जिन सीटों पर उनके जीतने की उम्मीद थी वो यदि बसपा को दे दी जाएँगी तो उनकी पार्टी लोकसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाएगी। और अब चुनाव का परिणाम देखने के बाद ऐसा लग रहा है जैसे मुलायम सिंह सही कह रहे थे। भाजपा द्वारा प्रदेश में भारी मतों से विजयी होने के बाद मुलायम द्वारा कही ये बात हर किसी को याद आ रही होगी क्योंकि उस समय किसी को नहीं मालूम था कि एक अनुभवी राजनेता के बोल अपनी पार्टी के लिए इतने सही और सटीक साबित होंगे।
बीएसपी के साथ गठबंधन से नाराज मुलायम ने पहले ही कर दी थी हार की भविष्यवाणी https://t.co/w9T0bN0Blp #VerdictWithTimes #LokSabhaElections2019 pic.twitter.com/ilSqdzhY4K
— NBT Uttar Pradesh (@UPNBT) May 24, 2019
पिछले चुनावों और इन चुनावों पर यदि गौर करें तो मालूम होगा कि 2014 में सपा को सिर्फ़ 5 सीटें मिली थीं और बसपा को शून्य लेकिन 2019 में सपा में कोई बढ़त होती नहीं दिखी जबकि बसपा को 10 सीटें मिलीं। स्पष्ट है कि गठबंधन का असली फायदा सिर्फ़ मायावती को हुआ है। इन चुनावों में सपा पार्टी से जहाँ मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव ने जीत दर्ज कराई वहीं डिंपल यादव को कन्नौज में हार का मुँह देखना पड़ा।