नगालैंड में शांति बहाल होने की उम्मीदें बढ़ गई है। वार्ता के आखिरी दिन सरकार और एनएससीएन (आईएम) के बीच जारी गतिरोध टूटने की खबर है। केंद्र सरकार के वार्ताकार और नगालैंड के राज्यपाल के साथ एनएससीएन (आईएम) तथा अन्य 7 नगा राजनीतिक समूहों के बीच सिलसिलेवार वार्ता नई दिल्ली में गुरुवार (31 अक्टूबर 2019) को समाप्त हुई। कहा जा रहा है कि इस दौरान शांति प्रक्रिया को लेकर एक आम सहमति कायम करने में कामयाबी मिल गई है।
हालॉंकि आधिकारिक तौर पर अभी तक कोई घोषणा नहीं की गई है। बताया जा रहा है कि एनएससीएन (आईएम) अलग संविधान और ग्रेटर नगालिम बनाने की अपनी मॉंग को फिलहाल ठंडे बस्ते में रखने को राजी हो गया। हालॉंकि अलग झंडे के इस्तेमाल को लेकर कुछ शर्तों के साथ इजाजत दी गई है।
सूत्रों के मुताबिक नगा अपने कार्यक्रमों में खुद के झंडे का इस्तेमाल कर सकेंगे। लेकिन, सरकारी कार्यक्रमों और इमारतों में यह नहीं लगाया जाएगा। इस संबंध में बाद में बातचीत होगी।
The NSCN (IM), the largest Naga armed group, has agreed to sign a peace accord without a separate Naga constitution and with a “conditional flag” that can only be allowed for non-governmental purposes. https://t.co/v7KzJoLTXZ
— Yusuf Unjhawala ?? (@YusufDFI) October 31, 2019
Same day, though officially not yet announced, its been learnt that Centre has agreed to give the Nagas a separate flag as part of the peace agreement (2) #NationalUnityDay #NagaPeaceTalks
— atanu bhuyan (@atanubhuyan) October 31, 2019
वार्ता के सफल समापन की घोषणा नगालैंड के सीएम नैफिउ रिओ ने की। इसके अलावा राज्य के विपक्ष के नेता ने भी इसकी पुष्टि ट्विटर पर की है।
Congratulations to Shri RN Ravi, NSCN (IM) & NNPGs for the efforts & sacrifices. Also, appreciation to the civil societies, mass-based organisations, NGOs, churches & the Naga people for the support & prayers. We praise God Almighty & look forward to a new era for the Naga people
— Neiphiu Rio (@Neiphiu_Rio) October 31, 2019
It is a historic moment and an occasion of great joy for all Nagas and the nation as a whole. Peace will now pave the way for genuine progress and true nation-building.
— Neiphiu Rio (@Neiphiu_Rio) October 31, 2019
The dream and desire of the Naga people for permanent peace and tranquility in our land will soon become a reality after positive outcome of today’s meeting. Once again big congratulations to all parties involved in bringing about understanding.
— TR Zeliang (@TRZeliang) October 31, 2019
गौरतलब है कि एनएससीएन (आईएम) नगाओं का सबसे बड़ा और ताकतवर हथियारबंद समूह है। गवर्नर आरएन रवि ने पहले ही कह दिया था कि नगालैंड को खुद का झंडा या संविधान नहीं मिलेगा। साथ ही कहा था कि वार्ता प्रक्रिया समय सीमा (31 अक्टूबर, 2019) के आगे नहीं बढ़ेगी। इसके बाद नगालैंड की सरकार ने सभी नौकरशाहों और पुलिस अधिकारियों की छुट्टियाँ रद्द कर दीं थी।
इसके बाद एनएससीएन (आईएम) के 17 सदस्य नगा नेशनल पोलिटिकल ग्रुप्स (एनएनपीजी) में शामिल हो गए थे। यह विभिन्न नगा राजनीतिक संगठनों का एक समूह है। एनएससीएन (आईएम) छोड़ने वालों में हुकावी येपुतोमि भी थे। वे एनएससीएन (आईएम) की समानांतर सरकार में गृह मंत्री रहे हैं। केंद्र सरकार और गवर्नर आरएन रवि से शांति वार्ता करने वाली टीम में भी वे शामिल थे।