महाराष्ट्र के अकोला में नगर निगम के स्थायी समिति की हॉल का नाम टीपू सुल्तान के नाम पर रख दिया गया है। इस बात की जानकारी अकोला में नगर निगम के नेता विपक्ष साजिद खान पठान ने दी है। साजिद खान पठान कॉन्ग्रेस पार्टी के पदाधिकारी हैं। टीपू सुल्तान के नाम का प्रस्ताव 9 वर्ष पहले (20 जून 2012) किया गया था। तब अकोला के नगर निगम पर कॉन्ग्रेस और प्रकाश अंबेडकर की भारिप बहुजन पार्टी काबिज थी।
आज तक की रिपोर्ट के मुताबिक, इस मुद्दे पर शिवसेना की राय कॉन्ग्रेस और NCP से अलग है। राज्य के महा विकास अघाड़ी में कॉन्ग्रेस, एनसीपी और शिवसेना मिलकर सरकार चला रही हैं। शिवसेना टीपू सुल्तान के नाम पर अपने पुराने रुख पर कायम है और वह इसका विरोध कर रही है। बता दें कि अकोला के नगर निगम में की सत्ता में भाजपा भी सहयोगी है।
भाजपा के वर्तमान महानगर अध्यक्ष विजय अग्रवाल ही 9 साल पहले इस नाम के सूचक थे। तब विजय अग्रवाल कॉन्ग्रेस पार्टी में थे। अब विजय अग्रवाल इस पूरे मामले से पल्ला झाड़ रहे हैं। उनका कहना है, “कोई भी उस समय इस मामले में अनुमोदक या सूचक हो सकता है। टीपू सुल्तान के नाम पर मेरा हमेशा विरोध रहा है। मैं आज भी विरोध में ही हूँ।”
वहीं, कॉन्ग्रेस ने भाजपा पर सवाल खड़े किए हैं। कॉन्ग्रेस नेता और महाराष्ट्र प्रदेश कॉन्ग्रेस महासचिव सचिन सावंत ने लिखा, “टीपू सुल्तान का विरोध करने वाली भाजपा का दोहरा चरित्र दिख रहा है। अकोला नगर निगम के स्थाई समिति हॉल का नाम ‘शहीद-ए-वतन शेर-ए-मैसूर टीपू सुल्तान’ के नाम पर साल 2012 में रखा गया है। इसके प्रस्तावक पूर्व महापौर और वर्तमान भाजपा अकोला महानगर अध्यक्ष विजय अग्रवाल थे।”
टिपू सुलतान नावाचा विरोध करणाऱ्या भाजपाचा दुटप्पीपणा स्पष्ट करणारे अजून एक उदाहरण देत आहे. अकोला महापालिकेच्या स्थायी समिती सभागृहाचे नाव “शहीदे वतन शेरे म्हैसूर टिपू सुलतान” २०१२ साली ठेवले आहे. या ठरावाचे सूचक माजी महापौर व सध्याचे भाजपा अकोला महानगर अध्यक्ष विजय अग्रवाल होते pic.twitter.com/GZWyV4ACcU
— Sachin Sawant सचिन सावंत (@sachin_inc) January 27, 2022
गौरतलब है कि इससे पहले मुंबई में कॉन्ग्रेस विधायक और सरकार में टेक्सटाइल मंत्री असलम शेख द्वारा मलाड स्थित स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स का नाम टीपू सुल्तान के नाम पर रखे जाने पर बवाल हो गया था। उद्घाटन की तारीख भी 26 जनवरी घोषित कर दी गई थी। मुंबई पुलिस ने इसका विरोध करने वाले कई हिन्दू संगठन के कार्यकर्ताओं को हिरासत में भी लिया था।
विवाद बढ़ने पर बुधवार (26 जनवरी 2022) को महाराष्ट्र के पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे ने जगह का नाम अभी फाइनल न होने की बात कही थी। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ने कहा था, “परियोजनाओं के आधिकारिक नामों को अंतिम रूप देना बीएमसी के दायरे में आता है। महापौर ने कहा है कि उस पार्क के आधिकारिक नाम को लेकर अभी तक अंतिम फैसला नहीं हुआ है।”