केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कॉन्ग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गॉंधी पर करारा निशाना साधा है। उन्होंने गुरुवार (24 दिसंबर, 2020) को कहा कि जो कुछ भी राहुल गाँधी बोलते है उसे कॉन्ग्रेस भी गंभीरता से नहीं लेती है। उन्होंने कॉन्ग्रेस को किसान विरोधी भी करार दिया है।
एएनआई ने केंद्रीय कृषि मंत्री के हवाले से कहा, “राहुल गाँधी जो कुछ भी कहते हैं, उनकी बातों को खुद कॉन्ग्रेस भी गंभीरता से नहीं लेती। आज जब वे हस्ताक्षरों के साथ अपना विरोध दर्ज कराने के लिए राष्ट्रपति के पास गए, तो इन किसानों ने मुझसे कहा कि कॉन्ग्रेस का कोई भी नेता हमारे हस्ताक्षर लेने के लिए नहीं आया था।”
Whatever Rahul Gandhi says, even Congress doesn’t take it seriously. Today when he went to register his protest with President with signatures, these farmers told me that no one from Congress came to them to get their signature: Union Agriculture Minister Narendra Singh Tomar https://t.co/V5fWXLGOec pic.twitter.com/rpWbA1XwRr
— ANI (@ANI) December 24, 2020
उन्होंने कहा, “अगर राहुल गाँधी इतने ही चिंतित हैं तो उन्हें किसानों के लिए कुछ करना चाहिए था जब उनकी सरकार सत्ता में थी। कॉन्ग्रेस हमेशा किसान विरोधी रही है।”
If Rahul Gandhi was so worried, then he could have done something for farmers, when his govt was in power. Congress’ character has always been anti-farmer: Union Agriculture Minister Narendra Singh Tomar on Congress leader Rahul Gandhi meeting President today over Farm Laws https://t.co/v4ZT271Ycz pic.twitter.com/0co7sBvk0D
— ANI (@ANI) December 24, 2020
किसान आंदोलन की आड़ में अपनी राजनीतिक रोटियाँ सेकने के लिए कॉन्ग्रेस पार्टी को आड़े हाथों लेते हुए तोमर ने कहा कि कॉन्ग्रेस हमेशा से किसान विरोधी रही है। जिस बिल का आज कॉन्ग्रेस द्वारा विरोध किया जा रहा वह स्वयं पार्टी ने ही 2019 चुनाव के दौरान अपने मेनिफेस्टो में डाल रखा था।
तोमर ने पूर्व कॉन्ग्रेस अध्यक्ष से पूछा कि वह इस वक्त झूठ बोल रहे या 2019 चुनाव को मद्देनजर लोगों को धोखा देने का काम कर रहे थे। वहीं लोकतंत्र की बात करने वाले राहुल गाँधी पर कटाक्ष करते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि ‘आपातकाल लगाने वाले आज लोकतंत्र की बात कर रहे हैं।’
कृषि बिल के समर्थन में आए किसानों के बारे बताते हुए तोमर ने कहा, “बागपत से आए किसानों ने केंद्र के नए कृषि कानूनों के समर्थन में मुझे पत्र सौंपा। उन्होंने मुझसे कहा कि सरकार को किसी के दबाव में आकर कृषि कानूनों में संशोधन नहीं करना चाहिए।” किसान मजदूर संघ से जुड़े बागपत के 60 किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल ने कृषि भवन में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात की थी।
कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन को देखते हुए तोमर ने पिछले कुछ दिनों में कई किसान नेताओं के प्रतिनिधिमंडल से मिलकर बातचीत की है और उन्होंने दावा किया है कि ये लोग सुधार के पक्ष में हैं।
Govt writes to agitating farmers, asking them to decide the date and time for the next round of talks. “Govt is committed to reaching logical solutions of the issues raised by you,” it reads. pic.twitter.com/tBglPwi8fs
— ANI (@ANI) December 24, 2020
इस बीच सरकार की ओर से किसानों को एक और चिट्ठी लिखी गई है। कृषि मंत्रालय द्वारा लिखी गई चिट्ठी में कहा गया है कि सरकार किसानों की हर माँग पर चर्चा करने के लिए तैयार है। सरकार ने साफ तौर पर कहा है कि अभी भी बातचीत के रास्ते खुले हुए हैं। इसके अलावा सरकार ने आंदोलनकारी किसानों को लिखे पत्र में किसानों से बातचीत के अगले दौर के लिए तारीख और समय खुद तय करने को कहा है।