केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने ऐलान किया है कि राष्ट्रीय राजमार्गों पर मौजूद टोल प्लाजाओं को हटा दिया जाएगा। यानी बहुत जल्द देश के राजमार्गों पर वाहन बिना किसी रोकटोक के यात्रा कर सकेंगे। केंद्रीय मंत्री ने एसोचैम फाउंडेशन वीक 2020 कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह ऐलान किया। सरकार पूरे देश में वाहनों का बिना रोकटोक आवागमन सुनिश्चित करना चाहती है, इसके लिए जीपीएस तकनीक पर आधारित टोल संग्रह पर काम किया जा रहा है। इसकी मदद से आगामी दो वर्षों में भारत के राजमार्ग ‘टोल प्लाजा मुक्त’ हो जाएँगे।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के मुताबिक़, “वाहनों के आवागमन के आधार पर टोल की राशि सीधे बैंक खाते से काट ली जाएगी। हालाँकि, अब लगभग सारे ही कॉमर्शियल वाहन टैकिंग सिस्टम के साथ आ रहे हैं। सरकार पुराने वाहनों को भी जीपीएस तकनीक में शामिल करने के लिए तकनीक लेकर आने वाली है।”
इसके अलावा नितिन गडकरी ने बताया कि केंद्र सरकार जोजिला के पास नया शहर बसाने पर विचार कर रही है। उन्होंने संबोधन के दौरान बताया, “जोजिला और जे मोड़ के पास 19 किलोमीटर का क्षेत्र है जो स्विट्जरलैंड के दावोस से भी अधिक सुंदर है। इस बात को मद्देनज़र रखते हुए एक बैठक आयोजित की जाएगी जिसमें पूरे क्षेत्र को हिल स्टेशन की तरह विकसित करने पर चर्चा होगी।”
There is a 19-km area between Zoji La and Z-Morh that is more beautiful than Switzerland’s Davos. We are planning to make a new hill city there with resorts, hotels and conference halls: Union Minister of Road Transport & Highways Nitin Gadkari #Ladakh
— ANI (@ANI) December 17, 2020
(17.12.2020) pic.twitter.com/8qGpInieK1
केंद्रीय मंत्री का कहना था कि इस क्षेत्र में लगभग 3 मीटर की बर्फ़बारी होती है, जिससे पूरा नज़ारा बेहद शानदार हो जाता है। ऐसे में यहाँ रिजॉर्ट, होटल और कांफ्रेंस रूम बनाने पर विचार किया जा सकता है। इसके लिए फ़िलहाल एक कांट्रेक्टर से संपर्क किया गया है जो स्विट्ज़रलैंड की कंपनी के साथ काम करते हैं। दरअसल, हाल ही में जम्मू कश्मीर में ‘अटल टनल की शुरुआत की गई थी और इसके बाद जोजिला परियोजना पर काम जारी है। इसके तहत जोजिला-दर्रे के पहाड़ काट कर सुरंग बनाई जा रही है, केंद्रीय मंत्री ने जिस हिस्से का उल्लेख किया है वह इसी के पास मौजूद है।
इसके बाद केंद्रीय मंत्री ने इस पहलू पर भी जानकारी दी कि सरकार किस तरह जीपीएस स्थापित करने की योजना पर काम कर रही है। उन्होंने बताया कि रूस के पास इस योजना को लेकर विशेषज्ञता है, जिसमें दूरी के आधार पर टोल की राशि काट ली जाती है। यह योजना संभावित तौर पर आगामी दो वर्षों में लागू कर दी जाएगी।
साथ ही केंद्रीय मंत्री ने इस बात पर भरोसा जताया है कि अगले पाँच वर्षों में टोल कलेक्शन 1.34 लाख करोड़ रुपए पहुँच सकता है। अभी तक वायबिलिटी गैप फंडिंग को सिर्फ इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में लागू किया जाता था लेकिन अब इसे अन्य क्षेत्रों में भी लागू किया जाएगा। इसमें मुख्य रूप से सामाजिक क्षेत्र, स्वास्थ्य क्षेत्र और शिक्षा का क्षेत्र शामिल है जिनमें वायबिलिटी गैप फंडिंग की सुविधा मिलेगी।
नितिन गडकरी के अनुसार केंद्र सरकार पूरे देश में वाहनों के स्वतंत्र आवागमन को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठा रही है। बीते 1 साल के दौरान मंत्रालय ने देश के सभी टोल प्लाजाओं पर FASTags अनिवार्य कर दिए हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित टोल प्लाजा पर FASTags की अनिवार्यता के बाद ईंधन की खपत कम हुई है। साथ ही प्रदूषण पर भी पर काफ़ी हद तक लगाम लगी है।
अंत में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत का औद्योगिक विकास रोजगार सृजन और गरीबी उन्मूलन के लिए बेहद अहम है। फ़िलहाल, अधिकांश उद्योग भारत के शहरी क्षेत्रों में केंद्रीकृत हैं क्योंकि इस तरह के उद्योग विकेंद्रीकरण विकास दर को बढ़ावा देने के लिए ज़रूरी हैं। हालाँकि, बढ़ते शहरीकरण से तमाम समस्याएँ भी पैदा हो रही हैं जिसमें दिल्ली, मुंबई, कोलकाता चेन्नई जैसे अन्य शहर शामिल हैं। इन शहरों में बुनियादी ढाँचे के विकास में सार्वजनिक निजी निवेश को बढ़ावा देने की आवश्यकता का भी उल्लेख किया।