महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के आवास ‘मातोश्री’ के बाहर हनुमान चालीसा के पाठ का ऐलान करने वाली सांसद नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा के ऊपर देशद्रोह का केस दर्ज हुआ है। इससे पहले उन्हें हनुमान चालीसा ऐलान के बाद गिरफ्तार करके कोर्ट में पेश किया गया था, जहाँ उन्हें 6 मई तक न्यायिक हिरासत में भेजा गया। उनके मामले पर अगली सुनवाई कोर्ट में 29 अप्रैल को की जाएगी।
“Ranas booked for sedition”, mentions the FIR copy filed against the Rana couple.
— TIMES NOW (@TimesNow) April 24, 2022
Shivani shares more details with @PriyaBahal22 #NavneetRana #RaviRana pic.twitter.com/21344ouuqC
राणा दंपति पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने का इल्जाम मढ़ते हुए उनकी गिरफ्तारी हुई और इस केस की एफआईआर सामने आने के बाद पता चला कि राणा दंपति के ऊपर धारा 124-ए के तहत कार्रवाई की गई है, जो कि देशद्रोह की धारा है। इसके अलावा अधिकारियों ने बताया कि दोनों के ऊपर आईपीसी की धाराओं 153 (ए) और 353 तथा मुंबई पुलिस अधिनियम (पुलिस की निषेधाज्ञा उल्लंघन) की धारा 135 के तहत मामले दर्ज किए गए हैं।
For the first time, public prosecutor Pradip Gharat, obviously on instructions from the police dept, argued that the case of the accused falls under 124A, which is sedition: Rizwan Merchant, advocate of Navneet & Ravi Rana pic.twitter.com/88CEi4JHzz
— ANI (@ANI) April 24, 2022
सांसद नवनीत राणा के वकील रिजवान मर्चेंट ने इस बाबत मीडिया को जानकारी दी और बताया कि कैसे पब्लिक प्रॉजिक्यूटर प्रदीप घरात ने इस बात पर बहस की कि मामला देशद्रोह की धारा 124ए के तहत आता है। रिजवान मर्चेंट का दावा है कि उन लोगों ने सरकारी वकील से रिमांड आवेदन में से वह हिस्सा दिखाने को कहा था जिससे राणा दंपति पर लगे आरोप साबित हों, लेकिन सबूत दिखाने में वह पूरी तरह असफल रहे।
रिजवान मर्चेंट ने बताया कि रिमांड आवेदन पर सिर्फ यही बात लिखी है कि वो लोग हनुमान चालीसा पढ़ने के लिहाज से मातोश्री पर आने की तैयारी कर रहे थे। राणा दंपति के वकील ने कहा, “हनुमान चालीसा और कुछ नहीं, बल्कि भगवान श्रीराम और हनुमान का गुणगान है। उन्होंने कहा कि जिस जगह पर हनुमान चालीसा पढ़ी जानी थी, वह जगह उस शख्स का आवास है जो दावा करते हैं कि उन्हें भगवान राम से प्रेम है, तो हनुमान चालीसा का पाठ किया जाना, उन पर कोई फर्क नहीं डालना चाहिए। राणा दंपति के वकील रिजवान ने कहा, “हनुमान चालीसा का पाठ करना धारा 153 ए के तहत नहीं आता। ये मामला फर्जी है। उन्हें (सरकारी वकील को) मालूम है कि उनके तर्क कितने कमजोर हैं। उन्हें मालूम है कि मामले में बेल मिल सकती है इसलिए उन्होंने दूसरी एफआईआर का मन बनाया है।” बता दें कि इससे पहले रिजवान मर्चेट ने इस पूरे मामले में अवैध करार देते हुए कहा था कि वह जल्द ही बेल के लिए याचिका डालेंगे।