हरियाणा में जननायक जनता पार्टी (JJP) के साथ गठबंधन टूटने के बाद मनोहर लाल खट्टर ने मंगलवार (12 मार्च 2024) को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद भाजपा निर्दलीय विधायकों के साथ मिलकर सरकार बनाने जा रही है। भाजपा के विधायक दल की बैठक में नायब सिंह सैनी को नेता चुन लिया गया है। अब वे राज्य के नए मुख्यमंत्री होंगे।
दरअसल, 90 सीटों वाले हरियाणा विधानसभा में भाजपा के 41 विधायक हैं। वहीं, 6 निर्दलीय विधायकों के साथ-साथ जेजेपी के 4-5 विधायकों का भी समर्थन भी उसे मिलने की बात कही जा रही है। विधानसभा में बहुमत के लिए 46 का आँकड़ा चाहिए। ऐसे में भाजपा के पास बहुमत हासिल हो जाएगा। नायब सिंह नागर आज शाम 5 बजे सीएम पद की शपथ लेंगे।
अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) समुदाय से आने वाले नायब सिंह सैनी वर्तमान में हरियाणा के कुरुक्षेत्र से सांसद हैं। उन्हें पिछले साल अक्टूबर में हरियाणा भाजपा का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। सैनी साल 1996 में भाजपा के संगठन से जुड़े थे और साल 2000 तक राज्य के महासचिव के रूप में काम किया था। आगे चलकर वे अलग-अलग पदों पर रहे।
साल 2002 में उन्हें अंबाला के भारतीय जनता युवा मोर्चा के जिला महासचिव चुना गया। इसके बाद साल 2009 में उन्हें हरियाणा के भाजपा किसान मोर्चा का महासचिव नियुक्त किया गया। इसके बाद साल 2012 में अंबाला जिला भाजपा का अध्यक्ष चुना गया। इसके बाद वे अलग-अलग पदों पर रहे।
नायब सिंह सैनी साल 2014 में पहली बार विधायक बने। उन्हें भाजपा ने नारायणगढ़ विधानसभा क्षेत्र से अपना उम्मीदवार बनाया। इस चुनाव में उन्हें जीत मिली। इसके बाद साल 2016 में उन्हें हरियाणा सरकार में राज्यमंत्री बनाया गया। साल 2019 के लोकसभा चुनावों में इन्हें कुरुक्षेत्र से उम्मीदवार बनाया और उन्होंने यहाँ से जीत हासिल की।
नायब सिंह सैनी संसद के श्रम संबंधी स्थायी समिति के सदस्य भी हैं। उन्हें अक्टूबर 2023 में प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दी गई थी। नायब सिंह सैनी को मनोहर लाल खट्टर का नजदीकी माना जाता है। वे अक्सर उनके कार्यक्रमों में साथ देखे जाते रहे थे।
बताते चलें कि हरियाणा में भाजपा और दुष्यंत चौटाला की अगुवाई वाली जननायक जनता पार्टी (JJP) की सरकार थी। लोकसभा चुनाव 2024 में दोनों दलों के बीच गठबंधन नहीं होने के बाद यह स्थिति आई है। हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने सोमवार (11 मार्च) को भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात हुई थी। लगभग 45 मिनट चली इस मुलाकात में उन्होंने लोकसभा चुनावों में भाजपा से 2 लोकसभा सीटों की माँग की थी। उन्होंने भिवानी-महेंद्रगढ़ और हिसार सीट पर दावा किया था।
हालाँकि, नड्डा ने दुष्यंत की बात मानने से इनकार कर दिया था। नड्डा ने कहा था कि भाजपा राज्य में अपने दम पर राज्य की सभी 10 लोकसभा सीटें जीतने में सक्षम है। इसके बाद दुष्यंत चौटाला राज्य के गठबंधन से भी अलग हो गए। अब, उनकी पार्टी में भी टूट की अटकलें लगाई जा रही हैं। कहा जा रहा है कि JJP के देवेंद्र बबली समेत 5 से 6 विधायक भाजपा के साथ जा सकते हैं।