महाराष्ट्र में आख़िरकार बनती दिख रही सरकार के आसार फिर खटाई में पड़ गए हैं। मीडिया सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि उद्धव ठाकरे पूरे 5 साल महाराष्ट्र पर राज नहीं कर पाएँगे, क्योंकि सहयोगी एनसीपी ने भी ढाई साल अपने लिए मुख्यमंत्री की कुर्सी माँग ली है। 288 सदस्यीय विधानसभा में शिवसेना (56) और एनसीपी (54) की सीटों में केवल 2 विधायकों का अंतर है।
मंगलवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और पाला बदल कर उनके साथ पहुँचे शरद पवार के भतीजे अजित पवार के इस्तीफ़े के बाद शिवसेना-कॉन्ग्रेस-एनसीपी ने महा विकास अघाड़ी गठबंधन के अंतर्गत सरकार बनाने की घोषणा की थी। यह भी दावा किया था कि विधानसभा चुनाव तक न लड़ने वाले शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे पाँच साल तक गठबंधन के सीएम होंगे।
#Breaking | Sources: @NCPspeaks demands Maharashtra CM post for 2.5 years. | #PawarDoubleCross pic.twitter.com/517hZnCmd2
— TIMES NOW (@TimesNow) November 27, 2019
#Breaking | @NCPspeaks demands Maharashtra CM post for 2.5 years & @AjitPawarspeaks demands the Deputy CM post.
— TIMES NOW (@TimesNow) November 27, 2019
More details by TIMES NOW’s Megha Prasad. | #PawarDoubleCross pic.twitter.com/9vjgfzTB15
इस बीच यह भी खबर आई थी कि भाजपा को गच्चा देने के बाद अजित पवार अपनी पार्टी में लौट भी गए हैं और ससम्मान स्वीकार भी हो गए हैं। मौजूदा खबरों में भी उनके डिप्टी सीएम बनाए जाने की बात सामने आ रही है।
सत्ता पर अपनी जकड़ सबसे मजबूत करने का एनसीपी का व्यूह शुरू से था। 13 मंत्रियों और एक डिप्टी सीएम के बदले स्पीकर पद से कॉन्ग्रेस के दावा छोड़ने की बात सामने आते ही यह साफ़ हो गया था कि शक्ति-संतुलन के नाम पर एनसीपी विधानसभा स्पीकर का पद भी अपने पास ही रखेगी। इसके अलावा उसका एक डिप्टी सीएम भी होगा। ऐसे में अगर मुख्यमंत्री की कुर्सी भी उसने आधे समय के लिए छीन ही ली, तो उद्धव ठाकरे के लिए शिवसैनिकों को जवाब देना मुश्किल हो जाएगा कि भाजपा से नाता तोड़ने का पार्टी को क्या फायदा मिला।गौरतलब है कि पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस ने कल अपनी प्रेस कॉन्फ़्रेंस में कहा था कि भाजपा 2.5 साल सीएम के अलावा शिवसेना की हर शर्त पर 30 साल पुराने गठबंधन को बचाने के लिए राज़ी थी।
स्तम्भकार आनंद रंगनाथन ने इस खबर पर चुटकी लेते हुए इस प्रकरण के पहले शरद पवार की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हुई बैठक की याद दिलाई।
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— Anand Ranganathan (@ARanganathan72) November 27, 2019
That meeting. That Sharad had with Narendra.
A theorist has to be right every time, a conspiracy theorist only once. https://t.co/gThDW9KjG3