अपने बयानों के लिए चर्चा में रहने वाले राष्ट्रवादी कॉन्ग्रेस पार्टी (NCP) के नेता जितेंद्र आव्हाड ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है। जितेंद्र ने शुक्रवार (21 अप्रैल 2023) को मुंबई में कहा कि लगता है कि रामनवमी और हनुमान जयंती जैसे त्योहार सिर्फ दंगा भड़काने के लिए ही हैं।
एनसीपी नेता ने कहा कि आने वाले साल धार्मिक दंगों वाले साल होंगे। उन्होंने कहा कि दंगों के कारण शहरों का माहौल बेहद जहरीला हो गया है। बताते चलें कि जितेंद्र आव्हाड के विवादित बोलों के चलते एक बार महाराष्ट्र मानवाधिकार आयोग उनके खिलाफ नोटिस भी जारी कर चुका है।
It seems that the festivals of Ram Navami and Hanuman Jayanti are for riots only. The atmosphere in the cities has deteriorated due to riots. I think the coming years will be the years of religious riots: NCP leader Jitendra Awhad in Mumbai today pic.twitter.com/JirBUGvMZ5
— ANI (@ANI) April 21, 2023
इस साल जनवरी में जितेंद्र आव्हाड ने औरंगजेब को लेकर दावा किया था कि वह क्रूर और हिंदू विरोधी नहीं था। जितेंद्र आव्हाड ने कहा था, “छत्रपति संभाजी महाराज को बहादुरगढ़ लाया गया, जहाँ उनकी आँखें निकाल दी गईं। बहादुरगढ़ किले के पास एक विष्णु मंदिर था। अगर औरंगजेब क्रूर या हिंदू विरोधी होता तो वह उस मंदिर को भी तोड़ देता।”
पिछले साल नवंबर में मराठी फिल्म हर हर महादेव (Har Har Mahadev) को महाराष्ट्र के पूर्व आवास मंत्री और एनसीपी नेता जितेंद्र अव्हाड ने ठाणे के एक मल्टीप्लेक्स को जबरन बंद करवा दिया था। इतना ही नहीं, उन्होंने एक शख्स के साथ मारपीट भी की थी। इसको लेकर उन्हें गिरफ्तार भी किया गया था। अव्हाड ने आरोप लगाया था कि फिल्म में राजनीतिक प्रचार के लिए छत्रपति शिवाजी के इतिहास को तोड़-मरोड़कर पेश किया है।
इसी तरह दिसंबर 2021 में आव्हाड ने मुस्लिमों से कहा था कि वे ज्यादा गोश्त खाकर अपना माथा गर्म न करें, क्योंकि विरोधी उन्हें उकसाना चाहते हैं। साथ ही उन्हें गुटखा खाकर मुँह बंद रखने की सलाह भी दी। गौरतलब है कि महाराष्ट्र में गुटखा की बिक्री प्रतिबंधित है।
आव्हाड ने कहा था, “मैं सभी मुस्लिम भाइयों से अपील करना चाहता हूँ कि ज्यादा गोश्त खाकर माथा मत गर्म करो। बिल्कुल शांति से काम लो। वो (विरोधी पार्टी के लोग) चाहते ही हैं कि तुम्हारा सिर गर्म हो जाए। सिर पर बर्फ रखो और मुँह में पान, सुपारी, रजनीगंधा, जो खाना हो खाओ, लेकिन सिर पर बर्फ, मुँह को ताला। कुछ नहीं होगा।”