मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में सुनवाई करते हुए दिल्ली की एक अदालत ने रॉबर्ट वाड्रा की अग्रिम जमानत की अवधि 25 मार्च तक बढ़ाते हुए उन्हें जाँच में हिस्सा लेने को कहा। स्पेशल जज अरविन्द कुमार की अदालत ने इस बाबत निर्देश जारी किए। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने जमानत की अवधि बढ़ने का विरोध करते हुए वाड्रा के जाँच में सहयोग नहीं करने की बात कही। एजेंसी ने कहा कि वह वाड्रा को हिरासत में लेकर पूछताछ करना चाहती है। प्रवर्तन निदेशालय ने अदालत में कहा:
“वह विदेश में अपराध और देश में मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल हैं। वाड्रा ने अपराध की रक़म से हासिल की गई संपत्ति से फ़ायदा उठाया है। यह जाँच ब्लैक मनी से संबंधित क़ानून के तहत है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि रॉबर्ट वाड्रा राजनीतिक आरोपों में शामिल हो गए हैं। जाँच के दौरान वाड्रा के व्यवहार से यह आशंका बढ़ गई है कि वह अपराध के तरीके और ब्लैक मनी का ख़ुलासा करने में एक महत्वपूर्ण कड़ी हैं। जाँच अघोषित विदेशी संपत्तियों और टैक्स से बचने से संबंधित है। जाँच महत्वपूर्ण चरण में है। विभिन्न दस्तावेजों से आरोपी व्यक्तियों की मिलीभगत का संकेत मिलता है। वाड्रा ‘बेहद प्रभावशाली व्यक्ति हैं और इस वजह से उनके सबूतों के साथ गड़बड़ी करने और जाँच में रुकावट डालने की आशंका है।”
ED in Delhi’s Patiala House Court: Robert Vadra is beneficiary of several properties that have been acquired through proceeds of crime. Investigation in this regard is still ongoing & is at a crucial stage. It is important to unearth modus operandi adopted by all accused persons. https://t.co/LEy3fle3CE
— ANI (@ANI) March 19, 2019
प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि उसने मामले की जाँच के दौरान जब्त की गई डिवाइसेज और इलेक्ट्रॉनिक निगरानी के दौरान उनके हाथ लगे इमेल्स से इस बात के पक्के सबूत मिले हैं कि वाड्रा और उनके अन्य सहयोगियों के विदेशों में अघोषित संपत्ति होने के पर्याप्त सबूत मिले हैं। ये अपराध गंभीर हैं और इसमें 10 वर्ष तक की सजा का प्रावधान है। पूछताछ के दौरान वाड्रा के वकील की मौजूदगी पर सवाल खड़ा करते हुए प्रवर्तन निदेशालय ने इसका विरोध किया। एजेंसी ने कहा कि पूछताछ के दौरान वकीलों की मौजूदगी का क़ानून में प्रावधान तो है लेकिन यह एक सम्पूर्ण अधिकार नहीं है। एजेंसी ने इसे देशहित के साथ संतुलित रखने की सलाह दी।
रॉबर्ट वाड्रा को हिरासत में लेकर ईडी करना चाहती है पूछताछ, 25 मार्च को कोर्ट ले सकता है कोई फैसला, पटियाला हाउस कोर्ट से आज़तक संवाददाता @twtpoonam की रिपोर्ट. #ReporterDiary
— आज तक (@aajtak) March 19, 2019
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अदालत में सुनवाई के दौरान हथियार दलाल संजय भंडारी की भी चर्चा हुई। बता दें कि ऑपइंडिया ने कुछ दिनों पहले ही कॉन्ग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी के भंडारी के साथ संबंधों का ख़ुलासा कर राजनीतिक भूचाल ला दिया था। इस बाबत केंद्रीय मंत्रियों स्मृति ईरानी और रविशंकर प्रसाद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कॉन्ग्रेस से जवाब माँगा था। प्रवर्तन निदेशालय ने संजय भंडारी के बारे में कहा कि वह लुकआउट नोटिस के बावजूद देश से फरार हो गया है और उसके ब्रिटेन में होने के संदेह हैं।
वाड्रा ने इन आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया। उन्होंने दलील दी कि उन्हें ग़ैरज़रूरी और अनुचित तरीके से दुर्भावनावश इस मामले में घसीटा जा रहा है। रॉबर्ट वाड्रा पर विदेशों में अघोषित संपत्ति ख़रीद सहित कई अवैध ज़मीन ख़रीद के मामलों में केस चल रहा है। दिल्ली की एक अदालत ने मनी लाउंड्रिंग केस में दिल्ली में चल रही जाँच के मामले में उनकी अंतरिम ज़मानत अवधि 19 मार्च तक के लिए बढ़ा दी थी।