इस साल 19 जनवरी को, AAP समर्थक प्रोपेगेंडा वीडियो ब्लॉगर ध्रुव राठी ने अपने Youtube चैनल पर एक वीडियो अपलोड किया था जिसमें बताया गया था कि कैसे राजनेता टीवी बहस में पूछे गए कठिन सवालों को दरकिनार करते हैं। राजनेताओं के इस व्यवहार को समझाने के लिए, राठी के साथ एक और बहरूपिया व्यक्ति राजनेता की भूमिका में था। नेता के नाम पर इस अभिनेता के माथे पर एक बड़ा भगवा तिलक था और गले में एक मोतियों की माला थी जो रुद्राक्ष की तरह दिखती है।
हालाँकि, अभिनेता की कल्पना ने उस राजनेता का रूप ले लिया था जिसे आमतौर पर राठी द्वारा टारगेट किया जाता है। राजनेताओं की ‘लॉजिकल फ़ैलेसी’ को समझाते हुए राजनेता का परिचय अंध भक्त बनर्जी नामक एक बड़े मोदी समर्थक के रूप में कराया गया। एजेण्डाधारी ध्रुव राठी द्वारा लिए गए संघी राजनेता के साक्षात्कार की कई क्लिपें, एक मोनोलॉग के फॉर्म में डाली गई थीं, जो राजनेताओं के विभिन्न तार्किक फ़ैलेसी की व्याख्या करने के लिए इस्तेमाल किया गया था।
वैसे तो लगभग सभी विचारधाराओं और दलों के राजनेता लॉजिकल फ़ैलेसी अर्थात विभिन्न विरोधाभाष या कुतर्क का उपयोग करते हैं जैसे कि स्ट्रोमैन तर्क (strawman argument), स्लिपरी स्लोप (slippery slope), सर्कुलर तर्क (circular argument), लाल हेरिंग (red herring) आदि, लेकिन वीडियो में यह समझाने की कोशिश की गई कि जैसे केवल भाजपा के राजनेता ही ऐसी रणनीति में लिप्त हैं।
अन्य पार्टियों के राजनेताओं द्वारा भी इस तरह की रणनीति का उपयोग किया जाता है, यही दिखाने के लिए एक अन्य यूट्यूब चैनल ने उस वीडियो को एडिट किया और Youtube पर अपलोड किया। इस वीडियो में, ध्रुव राठी के मोनोलॉग को बरकरार रखा गया था, लेकिन वीडियो में इस्तेमाल किए गए नकली साक्षात्कार के उदाहरण को हटाकर, उन्हें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के वास्तविक साक्षात्कार और भाषणों के साथ बदल दिया गया था।
Coward @dhruv_rathee can’t tolerate when answered in his own language & got my video with 50k+ views deleted by reporting it.His fans are threatening me now but I’m not scared,I know u people are w/ me.
— Chowkidar BALA (@erbmjha) April 1, 2019
I request everyone to download & share this video maxhttps://t.co/m2iXtG6OZy
कमाल की बात ये है कि क्लिप को इस तरह बदल दिया गया था कि वीडियो का कथानक बिलकुल वैसा ही रहे। केजरीवाल की क्लिप ध्रुव राठी द्वारा अपने वीडियो में किए गए तर्कों से बिल्कुल मेल खाती थी। संपादित वीडियो में उपयोग किए गए क्लिप केजरीवाल को उसी रणनीति का उपयोग करते हुए दिखाते हैं, जो वीडियो में इस तरह से दिखाया गया था कि जैसे केवल भाजपा नेताओं द्वारा उपयोग किया जाता हो।
संपादित वीडियो से ऐसा लग रहा है कि ध्रुव राठी लॉजिकल फ़ैलेसी को समझाते हुए AAP सुप्रीमो का पर्दाफाश कर रहे हैं और आप समर्थक ध्रुव राठी के लिए यह एक बड़ी शर्मिंदगी वाली बात है। इसलिए उसने कॉपीराइट उल्लंघन का हवाला देते हुए YouTube से वीडियो को हटा दिया है। जिसे हटाने से पहले 50 हजार से अधिक बार देखा गया था।
चैनल के मालिक ने यह भी बताया कि कॉपीराइट उल्लंघन के लिए चैनल को YouTube द्वारा निलंबित कर दिया गया था। इसलिए उन्होंने अन्य वेबसाइटों पर वीडियो अपलोड किया है। वीडियो नीचे देखा जा सकता है।
यह साफ देखा जा सकता है कि वीडियो को राठी के प्रोपेगेंडा को आईना दिखाने के लिए, एक व्यंग्य के रूप में संपादित किया गया था, यह साबित करने के लिए कि अरविंद केरीवाल भी मूल वीडियो में बताए गए रणनीति का ही उपयोग करते हैं। संपादित वीडियो वास्तव में यह साबित करता है कि ध्रुव राठी सही है, क्योंकि अब इस वीडियो में उनके स्पष्टीकरण के सन्दर्भ में वास्तविक जीवन के उदाहरण थे। चलते-चलते एक और बात, विश्लेषण, समीक्षा या व्यंग्यात्मक उद्देश्यों के लिए मूल कार्य का उपयोग अवैध नहीं है, लेकिन फिर भी प्रोपेगेंडा चलाने वालों की वजह से वह वीडियो हटा दिया गया।