अर्थव्यवस्था की सुस्ती दूर करने के लिए केंद्र की मोदी सरकार की ओर से किए जा रहे उपायों का असर दिखने लगा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से शुक्रवार को की गई घोषणाओं से बाजार झूम उठा। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज यानी BSE के सेंसेक्स ने नया रिकॉर्ड बनाया। सेंसेक्स में एक दिन में 1800 से ज्यादा अंकों की उछाल देखी गई। ऐसा इससे पहले करीब 10 साल पहले देखा गया था।
इसी तरह नेशनल स्टाक एक्सचेंज का निफ्टी 362.95 अंक यानी 0.39 प्रतिशत की तेजी के साथ 11,067.75 अंक पर पहुॅंच गया। डॉलर के मुकाबले रुपया भी 66 पैसे मजबूत होकर 70.68 पर पहुॅंच गया।
Union Minister of Finance and Corporate affairs Smt. @nsitharaman to address a Press Conference today at 10AM in Goa.@nsitharamanoffc @PIB_India
— Ministry of Finance (@FinMinIndia) September 20, 2019
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक वृद्धि दर को गति देने के लिए कॉरपोरेट कर की प्रभावी दर घटाने का ऐलान किया। अब घरेलू कंपनियों के लिये सभी अधिशेषों और उपकर समेत कॉरपोरेट कर की प्रभावी दर 25.17 प्रतिशत होगी। नई दर इसी वित्त वर्ष के एक अप्रैल से प्रभावी होगी।
FM Nirmala Sitharaman: To boost Make in India, another insertion inserted to Income Tax Act with effect from 2019-20, which allows any new domestic company incorporated on or after 1st Oct 2019 making fresh investment in manufacturing an option to pay income tax at rate of 15%. https://t.co/cWSg5xZhgu
— ANI (@ANI) September 20, 2019
सीतारमण ने कहा कि घरेलू कंपनियाँ 22% की दर से भी आयकर का भुगतान कर सकती हैं, अगर वो कोई प्रोत्साहन या छूट का लाभ नहीं उठाती हैं। इन कंपनियों की प्रभावी कर दरें सरचार्ज और सेस सहित 25.17% होंगी। उन कंपनियों के लिए जो प्रोत्साहन का लाभ उठाना जारी रखती हैं, न्यूनतम वैकल्पिक कर (MAT) को मौजूदा 18.5% से घटाकर 15% कर दिया गया है।
‘मेक इन इंडिया’ अभियान को गति देने के लिए, वित्त मंत्री ने कहा कि 2019-20 से प्रभावी आयकर अधिनियम में एक और प्रविष्टि डाली गई है, जो नई घरेलू कंपनी को 1 अक्टूबर 2019 के बाद नई घरेलू विनिर्माण कंपनियाँ बिना किसी प्रोत्साहन के 15% की दर से आयकर का भुगतान कर सकती हैं।
वित्त मंत्री सीतारमण ने यह भी कहा कि पूंजी बाजार में धन के प्रवाह को स्थिर करने के लिए, जुलाई 2019 के बजट में प्रदान किया गया सरचार्ज, जो नई सरकार के गठन के बाद प्रस्तुत किया गया था, किसी कंपनी में इक्विटी शेयर या इक्विटी ओरिएंटेड फंड की एक इकाई की बिक्री पर होने वाले पूंजीगत लाभ पर लागू नहीं होगा। उन्होंने कहा कि बढ़ा हुआ अधिभार विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के हाथों में डेरिवेटिव सहित किसी भी सुरक्षा की बिक्री पर होने वाले पूंजीगत लाभ पर लागू नहीं होगा।
केंद्रीय मंत्री ने सूचीबद्ध कंपनियों को राहत देने की भी घोषणा की। जिन कंपनियों ने 5 जुलाई 2019 से पहले बायबैक की घोषणाएँ की थीं, उन्हें ऐसे शेयरों के बायबैक पर टैक्स नहीं देना होगा।
इन ऐलानों के तुरंत बाद बाजार चढ़ने लगा। कुछ ही देर में मार्केट कैपिटलाइजेशन (MCap) 143.45 लाख करोड़ रुपए पर पहुॅंच गया। यह गुरुवार को 138.54 लाख करोड़ रुपए था। यानी करीब 5 लाख करोड़ की बढ़त।