लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मंगलवार (17 अक्टूबर 2023) को तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) की सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ ‘सवालों के बदले रिश्वत’ लेने की मिली शिकायत को लोकसभा की आचार समिति को भेज दिया। उन पर ये आरोप भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद निशिकांत दुबे ने लगाए थे। लोकसभा की आचार समिति के अध्यक्ष भाजपा सदस्य विनोद कुमार सोनकर हैं।
दरअसल, गोड्डा से भाजपा के सांसद निशिकांत दुबे ने टीएमसी सांसद मोइत्रा पर संसद में सवाल पूछने के लिए रिश्वत लेने के आरोप लगाए थे और उसकी जाँच की माँग की थी। इस मामले पर उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव और उनके राज्यमंत्री (MoS) राजीव चंद्रशेखर को एक शिकायती पत्र लिखा था।
BJP सांसद दुबे ने महुआ के खिलाफ जाँच के लिए पैनल गठित करने की माँग की है। दरअसल, दुबे ने महुआ पर ये आरोप सुप्रीम कोर्ट के एक वकील के पत्र पर आधार पर लगाया है। इसमें सांसद मोइत्रा और रियल-एस्टेट समूह हीरानंदानी समूह के सीईओ कारोबारी दर्शन हीरानंदानी के बीच ‘रिश्वत के नकारे न सकने वाले सबूत’ का जिक्र किया गया था।
बीजेपी सांसद ने कहा था कि ये आरोप दिसंबर 2005 के ‘कैश फॉर क्वेरी स्कैंडल’ की याद दिलाते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि तृणमूल सांसद द्वारा हाल तक संसद में पूछे गए 61 में से 50 सवाल दर्शन हीरानंदानी और उनके समूह के कारोबारी हितों की रक्षा से संबंधित हैं। इस बीच, महुआ मोइत्रा ने सभी आरोपों को सिरे से नकार दिया है।
स्पीकर बिरला को दुबे द्वारा लिखे गए पत्र के बाद रविवार (15 अक्टूबर 2023) को सांसद मोइत्रा ने जवाबी हमला बोला। उन्होंने एक्स (पहले ट्विटर) पर लिखा, “मैं एक कॉलेज/यूनिवर्सिटी खरीदने के लिए अपनी सारी गलत कमाई की नकदी और तोहफों का इस्तेमाल कर रही हूँ, जिससे की ‘डिग्री दुबे’ एक असली डिग्री खरीद सकें।”
उन्होंने आगे लिखा, “कृपया ओम बिरला झूठे हलफनामे के लिए उनके (दुबे के) खिलाफ जाँच पूरी करें और फिर मेरी जाँच के लिए समिति गठित करें।” इस बीच हीरानंदानी समूह ने दुबे के इन आरोपों को खारिज किया है। समूह के प्रवक्ता ने कहा कि इस ग्रुप ने हमेशा देश के हित में सरकार के साथ मिलकर काम किया है और आगे भी करता रहेगा।