बिहार की स्थिति पर मीडिया के उठाए सवालों से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बुधवार को नाराज दिखे। उन्होंने मीडिया को अपनी भाषा पर लगाम लगाने की सलाह दी। उन्होंने मंगलवार की शाम को कुछ मीडिया चैनलों द्वारा उनके ख़िलाफ़ अभद्र भाषा का प्रयोग करने पर मीडिया वालों से कहा कि आप समाज को कहाँ ले जाना चाहते हैं, आप किस तरह की भाषा का प्रयोग करते हैं। उन्होंने कहा, गजब का हिसाब हो गया है…हमारे मीडिया वाले… हम सबको प्रणाम करते हैं। इनकी क्या-क्या लैंग्वेज है भाई।
गौरतलब है कि बिहार सीएम नीतीश कुमार पटना के ज्ञानभवन में महात्मा गाँधी की 150वीं जयन्ती के अवसर पर गाँधी विचार समागम को संबोधित कर रहे थे। जहाँ उन्होंने मीडिया चैनल द्वारा उनके ख़िलाफ़ इस्तेमाल होती भाषा पर कहा कि उन्हें प्रचार पर भरोसा नहीं, वे काम करते हैं। लेकिन जो लोग काम नहीं करते, वे अपना प्रचार खूब करते हैं।
उन्होंने बताया कि वे मीडिया वालों से प्रेम करते हैं, लेकिन मंगलवार शाम को जब श्रद्धांजलि के कार्यक्रम में भाग लेने गए तो कुछ मीडिया वाले उनपर चिल्लाने लगे और पता नहीं कैसी-कैसी भाषा का प्रयोग किया। उन्होंने आगे कहा कि लोगों को उनकी आलोचना का अधिकार हैं और वे इसका स्वागत भी करते हैं। लेकिन थोड़ा समाज का भी ख्याल किया जाए।
#WATCH Bihar Chief Minister Nitish Kumar after visiting flood-affected areas in Patna: I am asking in how many parts of the country & across the world, there have been floods? Is water in some parts of Patna the only problem we have? What happened in America? #BiharFloods pic.twitter.com/9XfNcuZr0H
— ANI (@ANI) October 1, 2019
बिहार मुख्यमंत्री ने बताया मंगलवार को पटना में हुए जल जमाव को लेकर पम्पिंग हाउस का निरीक्षण कर जब वो एक कार्यक्रम में पहुँचे तो कुछ पत्रकार उनसे चिल्ला-चिल्लाकर सवाल पूछने लगे। नीतीश ने कहा, “तो भाई आखिर इसका क्या अर्थ होने वाला है। कहाँ ले जाना चाहते हैं समाज को, किस तरह की भाषा का प्रयोग करते हैं? आपको कोई भ्रम है क्या कि आपकी भाषा के प्रयोग करने से कुछ होता है? कुछ नहीं होता है। जनहित में जनता के हित में जो काम किया जाता है हम उसके लिए पूरे तौर पर समर्पित हैं। हम प्रचार के लिए समर्पित नहीं हैं और आज के युग में जो काम नहीं करता है, वो अपना प्रचार खुद करवाता है।”
नीतीश कुमार को कहना पड़ा, मीडिया वालों को हम प्रणाम करते हैं, क्या लैंग्वेज है भाई!
— News Summed Up (@newssummeduphq) October 3, 2019
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इस दौरान नीतीश कुमार ने मीडिया से ये भी अपील की कि उनके ख़िलाफ़ या उन जैसे व्यक्ति को डुबाने के लिए जो कहना है, वो कहें। लेकिन समाज में कडुआहट नहीं आनी चाहिए।
उन्होंने पूछा कि क्या जिस तरह की भाषा का प्रयोग किया जा रहा है, क्या उससे समाज सुधर जाएगा? या समाज आगे बढ़ पाएगा?, उनका कहना है कि बेशक उनकी कमियों को उजागर किया जाए, लेकिन समाज में सौहार्द भी बनाना चाहिए।
मीडिया को समझाते हुए उन्होंने कहा कि आजतक उन्होंने किसी की मर्यादा पर असर डालने की कोशिश नहीं की है। वे यही कोशिश करते हैं कि सब लोगों की मर्यादा रहे।” उनके अनुसार किसी के विचारों से असहमत होना, सबका अपना अधिकार है। लेकिन विचार से असहमत होने का मतलब यह नहीं है कि ऐसा वातावरण बनाया जाए और व्यवहार किया जाए कि दोनों के बीच झगड़ा हो। उनका कहना है लोग अपने विचारों को जरूर रखें, लेकिन असहमत हैं तो झगड़ा न करें।