तमिलनाडु सरकार द्वारा कुछ दिन पहले जाति दर्शाने वाले कलाई बैंड पर बीजेपी नेताओं के कड़े विरोध के बाद प्रतिबंध लगाया गया था लेकिन अब तमिलनाडु के स्कूलों में बच्चों की जाति पहचानने के लिए कलाई बैंड का विवाद अब यू-टर्न लेता नजर आ रहा है। जानकारी के मुताबिक राज्य के शिक्षा मंत्री के ए सेनगोट्टियन, जिन्होंने कलाई बैंड के प्रतिबंध पर पहले बयान दिया था कि मामला उनके संज्ञान में नहीं है इसलिए इसे राज्य में कार्यान्वित नहीं किया जाएगा। वो अब बिलकुल अलग मत रख रहे हैं।
दो दिन पहले पास किए गए सर्कुलर में हवाला दिया गया था कि तमिलनाडु के कुछ स्कूलों में रंगीन कलाई बैंड बाँधने के लिए कहा जाता है। जैसे लाल, पीला, हरा, केसरी। इन रंगों से पता चलता था कि बच्चा अनुसूचित जाति से है या फिर किसी ऊँची जाति से।
इस भेदभाव पूर्ण प्रथा पर पर बीजेपी नेताओं के विरोध के कारण प्रतिबन्ध लगाया गया था लेकिन अब तमिलनाडु के शिक्षा मंत्री के ए सेनगोट्टियान ने कहा, स्कूल में जाति की पहचान के लिए पहने जाने वाले कलाई बैंड पर कोई प्रतिबंध नहीं लगेगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने ये फैसला उनको जानकारी दिए बिना लिया है। क्योंकि इसका उद्देश्य सिर्फ़ विवाद उत्पन्न करना था।
The Tamil Nadu govt had recently issued a circular banning wristbands that identify students by their castes. The education minister has now said this circular will not be implemented.https://t.co/wOwKl2gvHo
— India Today (@IndiaToday) August 16, 2019
उल्लेखनीय है कि सरकार द्वारा जारी बयान में सिर्फ़ कलाई बैंड के ऊपर प्रतिबंध लगाने की बात नहीं कही गई थी बल्कि अंगूठी पहनने की और माथे पर तिलक लगाने की बात पर भी प्रतिबंध था। क्योंकि वो भी एक तरह से जाति सूचक हैं।
स्कूल शिक्षा निदेशक ने इस फैसले के बाद अधिकारियों से शुरुआती पहल में उन स्कूलों की पहचान करने के लिए भी कहा था जहाँ इस तरह के भेदभाव किया जाता है। जारी किए गए निर्देशों में बताया गया था कि इस तरह के सूचकों को स्कूल की स्पोर्ट टीम के गठन के दौरान देखा जाता है। साथ ही क्लास में और लंच के समय उन बच्चों को पहचानने के दौरान भी ये सूचक अहम भूमिका निभाते हैं।
लेकिन, एच राजा द्वारा किए गए ट्वीट में कहा गया कि स्कूल में कलाई बैंड पहनने पर और माथे पर तिलक लगाने पर कोई प्रतिबंध नहीं हैं।
गौरतलब है कि शिक्षा मंत्री के बयान के इतर जब तमिलनाडु के मंत्री डी जयकुमार से स्कूलों में जाति आधारित बैंड इस्तेमाल किए जाने को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि स्कूलों में जाति के आधार पर किसी भी छात्र के साथ कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार इसके लिए काम भी कर रही है।
Tamil Nadu Minister, D Jayakumar on being asked about caste bands being used in schools in the state: There should be no difference in students on the basis of caste. Our government is working on it. pic.twitter.com/921SsxWAjk
— ANI (@ANI) August 16, 2019
ऐसी भेदभाव पूर्ण प्रथा के बाहर आने के बाद भी किसी भी लिबरल गैंग का इस पर कोई विरोध या प्रतिक्रिया नहीं आ रही है। शायद आए भी नहीं क्योंकि यहाँ बीजेपी नेता जहाँ इस आदेश का विरोध कर रहे हैं तो वहीं लिबरल गैंग बीजेपी विरोध में घोर जातिवादी प्रथा का मौन समर्थन।