Sunday, October 13, 2024
Homeराजनीतितमिलनाडु के शिक्षा मंत्री ने लिया U-Turn कहा- जाति सूचक कलाई बैंड जारी रहेंगे,...

तमिलनाडु के शिक्षा मंत्री ने लिया U-Turn कहा- जाति सूचक कलाई बैंड जारी रहेंगे, लिबरल गैंग चुप

तमिलनाडु के कुछ स्कूलों में रंगीन कलाई बैंड बाँधने के लिए कहा जाता है। जैसे लाल, पीला, हरा, केसरी। इन रंगों से पता चलता था कि बच्चा अनुसूचित जाति से है या फिर किसी ऊँची जाति से।

तमिलनाडु सरकार द्वारा कुछ दिन पहले जाति दर्शाने वाले कलाई बैंड पर बीजेपी नेताओं के कड़े विरोध के बाद प्रतिबंध लगाया गया था लेकिन अब तमिलनाडु के स्कूलों में बच्चों की जाति पहचानने के लिए कलाई बैंड का विवाद अब यू-टर्न लेता नजर आ रहा है। जानकारी के मुताबिक राज्य के शिक्षा मंत्री के ए सेनगोट्टियन, जिन्होंने कलाई बैंड के प्रतिबंध पर पहले बयान दिया था कि मामला उनके संज्ञान में नहीं है इसलिए इसे राज्य में कार्यान्वित नहीं किया जाएगा। वो अब बिलकुल अलग मत रख रहे हैं।

दो दिन पहले पास किए गए सर्कुलर में हवाला दिया गया था कि तमिलनाडु के कुछ स्कूलों में रंगीन कलाई बैंड बाँधने के लिए कहा जाता है। जैसे लाल, पीला, हरा, केसरी। इन रंगों से पता चलता था कि बच्चा अनुसूचित जाति से है या फिर किसी ऊँची जाति से।

इस भेदभाव पूर्ण प्रथा पर पर बीजेपी नेताओं के विरोध के कारण प्रतिबन्ध लगाया गया था लेकिन अब तमिलनाडु के शिक्षा मंत्री के ए सेनगोट्टियान ने कहा, स्कूल में जाति की पहचान के लिए पहने जाने वाले कलाई बैंड पर कोई प्रतिबंध नहीं लगेगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने ये फैसला उनको जानकारी दिए बिना लिया है। क्योंकि इसका उद्देश्य सिर्फ़ विवाद उत्पन्न करना था।

उल्लेखनीय है कि सरकार द्वारा जारी बयान में सिर्फ़ कलाई बैंड के ऊपर प्रतिबंध लगाने की बात नहीं कही गई थी बल्कि अंगूठी पहनने की और माथे पर तिलक लगाने की बात पर भी प्रतिबंध था। क्योंकि वो भी एक तरह से जाति सूचक हैं।

स्कूल शिक्षा निदेशक ने इस फैसले के बाद अधिकारियों से शुरुआती पहल में उन स्कूलों की पहचान करने के लिए भी कहा था जहाँ इस तरह के भेदभाव किया जाता है। जारी किए गए निर्देशों में बताया गया था कि इस तरह के सूचकों को स्कूल की स्पोर्ट टीम के गठन के दौरान देखा जाता है। साथ ही क्लास में और लंच के समय उन बच्चों को पहचानने के दौरान भी ये सूचक अहम भूमिका निभाते हैं।

लेकिन, एच राजा द्वारा किए गए ट्वीट में कहा गया कि स्कूल में कलाई बैंड पहनने पर और माथे पर तिलक लगाने पर कोई प्रतिबंध नहीं हैं।

गौरतलब है कि शिक्षा मंत्री के बयान के इतर जब तमिलनाडु के मंत्री डी जयकुमार से स्कूलों में जाति आधारित बैंड इस्तेमाल किए जाने को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि स्कूलों में जाति के आधार पर किसी भी छात्र के साथ कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार इसके लिए काम भी कर रही है। 

ऐसी भेदभाव पूर्ण प्रथा के बाहर आने के बाद भी किसी भी लिबरल गैंग का इस पर कोई विरोध या प्रतिक्रिया नहीं आ रही है। शायद आए भी नहीं क्योंकि यहाँ बीजेपी नेता जहाँ इस आदेश का विरोध कर रहे हैं तो वहीं लिबरल गैंग बीजेपी विरोध में घोर जातिवादी प्रथा का मौन समर्थन।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

महाराष्ट्र के रत्नागिरी में तनाव: दशहरा के मौके पर RSS का निकला ‘पथ संचालन’, इस्लामी कट्टरपंथियों की भीड़ की भड़काऊ नारेबाजी पर FIR दर्ज

रत्नागिरी में इस्लामी कट्टरपंथियों की भीड़ को नारेबाजी करते हुए देखा जा सकता है, जबकि आरएसएस के कार्यकर्ता शांति से अपना मार्च निकाल रहे थे।

ठप कर देंगे सारी मेडिकल सेवा… RG Kar रेप-मर्डर मामले में न्याय माँग रहे डॉक्टर आमरण अनशन पर, 1 प्रदर्शनकारी की तबीयत बिगड़ने पर...

आरजी कर मेडिकल रेप-मर्डर को लेकर आमरण अनशन कर रहे जूनियर डॉक्टरों में एक की तबीयत बिगड़ने पर मेडिकल एसोसिएशन ने सीएम ममता को चेतावनी दी है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -