तेलंगाना सरकार ने रविवार (30 अक्टूबर 2022) को बताया कि उन्होंने केंद्रीय जाँच एजेंसी को अपनी ओर से दी आम सहमति वापस ले ली है। इस फैसले के बाद राज्य में सीबीआई बिन प्रदेश सरकार की अनुमति के जाँच नहीं कर पाएगी। यह जानकारी अतिरिक्त महाधिवक्ता ने उच्च न्यायालय को दी।
Telangana becomes the Ninth State to withdraw General Consent to CBI. pic.twitter.com/uXe8FRSQwE
— Arvind Gunasekar (@arvindgunasekar) October 30, 2022
एएजी ने अदालत को बताया कि सरकार के गृह विभाग ने 30 अगस्त को एक आदेश जारी कर दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना कानून-1946 की धारा 6 के तहत दी गई पहले की सभी आम सहमति को वापस ले लिया।
The state’s Additional Advocate General told this to the Telangana high court during arguments on a petition filed by the BJP seeking a CBI probe into the TRS MLA-poaching case. https://t.co/0x4fo101Of
— The Wire (@thewire_in) October 30, 2022
तेलंगाना के गृह सचिव रवि गुप्ता ने अपने आदेश में कहा, 23 सितंबर 2016 को दिल्ली स्पेशल पुलिस इस्टैब्लिशमेंट एक्ट के तहत जो सहमति दी गई थी, उसे वापस लिया जाता है। अब से सीबीआई को जाँच करने के लिए हर केस के लिए अलग से तेलंगाना सरकार से सहमति लेनी पड़ेगी।
उल्लेखनीय है कि शनिवार को तेलंगाना पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया था। उन पर आरोप था कि वो टीआरएस विधायकों को रिश्वत दे रहे थे। ऐसे में भाजपा ने अपील की कि इस केस को सीबीआई को दे दिया जाए। इस माँग के बाद ही राज्य सरकार ने अपना फैसला लिया है और सहमति वापस ले ली। तेलंगाना के अलावा पश्चिम बंगाल और मेघालय की कॉनरॉड संगमा की सरकार ने सीबीआई को प्रदान की गई आम सहमति वापस ली थी।
बता दें कि कुछ समय पहले महाराष्ट्र की उद्धव सरकार ने भी ऐसा निर्णय लिया था। लेकिन तख्ता पलट होने के बाद शिंदे सरकार ने वापस से कहा कि वो सीबीआई को किसी भी जाँच लिए आम सहमति देते हैं।