कॉन्ग्रेस के छात्र संगठन ‘नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI)’ ने आधी रात में वीर सावरकर की प्रतिमा को जूतों का हार पहनाया और चेहरे पर कालिख पोत दी। मंगलवार (अगस्त 20, 2019) को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने दिल्ली विश्वविद्यालय के नॉर्थ कैम्पस में आर्ट्स फैकल्टी गेट के बाहर सावरकर की प्रतिमा की स्थापना की थी। दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्र संघ के अध्यक्ष और एबीवीपी नेता शक्ति सिंह ने ये प्रतिमा स्थापित करवाई थी।
#Delhi_University में @ABVPVoice द्वारा लगाई गई वीर सावरकर की प्रतिमा पर @nsui के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष अक्षय ने जूते की माला पहनाई और कालिख लगाई.सुरक्षाकर्मी के बीच झड़प भी हुई.उन्होंने शहीद भगत सिंह और नेताजी सुभाष चंद्र बोस अमर रहे,जिंदाबाद के नारे लगाए @SinghShaktiABVP #Du pic.twitter.com/tGtKFqPWun
— Ganesh pathak (@ganeshpathak10) August 22, 2019
सोशल मीडिया पर ट्वीट की गई वीडियो के अनुसार, सावरकर की प्रतिमा को एनएसयूआई दिल्ली के प्रदेश अध्यक्ष अक्षय ने जूते की माला पहनाई। अक्षय ने समर्थकों संग मिल कर प्रतिमा के चेहरे पर कालिख पोत दिया। इस दौरान एनएसयूआई के छात्रों की सुरक्षाकर्मियों से झड़प भी हुई।
प्रतिमा की स्थापना के समय शक्ति सिंह ने बताया था कि प्रतिमा की स्थापना से पहले उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन को कई बात पत्र लिख कर अनुमति माँगी लेकिन उनकी तरफ़ से कोई जवाब नहीं आया। उन्होंने आरोप लगाया था कि विश्वविद्यालय प्रशासन छात्र संघ की बातों को गंभीरता से नहीं ले रहा था। इसलिए छात्र संघ ने अंततः मूर्ति की स्थापना का निर्णय लिया। शक्ति सिंह ने कहा कि मूर्ति की स्थापना इसीलिए की गई है ताकि युवाओं को वीर सावरकर से प्रेरणा मिले।
जब जब इस देश के इतिहास को भुलाए जाने की कोशिश की जाएगी, तब तब मैं भारत की गौरव गाथाओं एवं माँ भारती के सुपुत्रो का यूँ ही अहवाहन करता रहूँगा।
— Shakti Singh (@SinghShaktiABVP) August 20, 2019
माँ भारती के “वीर” “भगत” और “आज़ाद”, अमर थे, है और रहेंगे। ????#LetsRememberTheUnsungHeroesOfNation pic.twitter.com/sKBXaTGWLD
वीर सावरकर भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों में से एक थे, जिन्हें अंग्रेजों ने कालापानी की कठिन सज़ा दी थी। वह हिंदुत्व विचारक और एक प्रखर लेखक भी थे। वह कॉन्ग्रेस के आलोचक थे, जिन्होंने हिन्दू राष्ट्र की संकल्पना पर जोर दिया। उनके सम्मान में पोर्ट ब्लेयर एयरपोर्ट का नाम 2002 में ‘वीर सावरकर इंटरनेशनल एयरपोर्ट’ रखा गया।