क्या आप हरियाणा में शिक्षक हैं? क्या आप ज्यादा पैसे कमाना चाहते हैं? क्या आप नूहं से बाहर के हैं? अगर हाँ, तो हरियाणा सरकार ने कैबिनेट की बैठक में शिक्षक स्थानांतरण नीति, 2023 को मंजूरी दे दी है। इसमें नूहं और मोरनी में तैनाती पाने वाले शिक्षकों को प्रोत्साहन भत्ता यानी अधिक वेतन मिलेगा।
ये वैसी दो जगहें हैं, जहाँ लोग कम ही जाना चाहते हैं। नूहं तो देश का सबसे पिछड़ा जिला है, ऐसे में कोई व्यक्ति गुरुग्राम न जाकर नूहं क्यों ही जाना चाहेगा? यही कारण है कि नूहं में तैनाती चाहने वाले शिक्षकों की संख्या बहुत कम है, जिसकी वजह से हरियाणा सरकार को ऐसी प्रोत्साहन नीति बनाने की जरूरत पड़ी है।
कैबिनेट बैठक में लिया गया फैसला
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में बताया गया है कि हरियाणा सरकार ने नूहं, मोरनी के साथ ही पलवल के हथीन ब्लॉक को भी इसमें शामिल किया है। इन क्षेत्रों में शिक्षकों की भारी कमीं है, क्योंकि शिक्षक इतने पिछड़े इलाकों में जाना ही नहीं चाहते।
इस बात का फैसला शुक्रवार को कैबिनेट की बैठक में लिया गया, जिसमें स्थाई शिक्षकों के अलावा गेस्ट टीचर्स को भी ज्यादा पैसा मिलेगा। इसमें 10 प्रतिशत अतिरिक्त वेतन, डेली अलाउंस के रूप में अलग से दिया जाएगा। गेस्ट टीचर्स को 10 हजार रुपए प्रति माह मिलेंगे, बशर्ते आप कुछ शर्तों को पूरा करते हों।
हरियाणा सरकार ने रखी हैं कुछ शर्तें
हरियाणा के शिक्षकों के लिए पहले तो इन क्षेत्रों में जाने की हामी भरनी होगी। दूसरा कि वो इन जिलों के रहने वाले न हों और न ही उन्होंने शिक्षा इन क्षेत्रों में ली हों। शर्त के मुताबिक, वही लोग इस स्कीम का फायदा पाएँगे, जो पंचकुला के न हों (मोरनी क्षेत्र के लिए), पलवल और नूहं क्षेत्र के लिए वो इन दोनों जिलों के अलावा फरीदाबाद और गुरुग्राम से भी न हों। न ही 10वीं, 12वीं की शिक्षा इन जिलों से पाई हो।
बता दें कि शिक्षक स्थानांतरण नीति 2016 में लागू की गई थी, जिसमें 2017 में संसोधन भी किया गया था, लेकिन अब उसमें फिर से नई बातों को जोड़ा गया है।
इन इलाकों का पिछड़ापन है सबसे बड़ी समस्या
नूहं हरियाणा का ही नहीं, बल्कि पूरे देश के सबसे पिछड़े जिले की पहचान रखता है। पलवल का हथीन ब्लॉक नूहं से सटा है, तो मोरनी पहाड़ी इलाका है। नूहं में करीब 79 प्रतिशत से अधिक आबादी मुस्लिम है। शिक्षा के मामले में लिटरेसी रेट 55% के आसपास है। इसके अलावा स्थानीय स्तर पर भी कुछ समस्याएँ आती हैं, यही वजह है कि बाहर से नूहं में आकर कोई रहना नहीं चाहता।
हिंसा की आग में जल रहा है नूहं
बता दें कि 31 जुलाई को हिंदुओं की धार्मिक यात्रा पर हमले के बाद से नूहं में तनाव का माहौल है। ये धार्मिक तनाव आसपास के कई जिलों में फैल गए थे, जिसमें आधा दर्जन लोगों की मौत हो चुकी है, तो दर्जनों लोग घायल हैं। ऑप इंडिया इन मुद्दे पर विस्तार से कवरेज कर रहा है, उसे पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें।