Saturday, November 16, 2024
Homeराजनीतिकॉन्ग्रेस में तेज़ हुई युवा बनाम बुजुर्ग की लड़ाई, पार्टी बैठक में उभरी खाई:...

कॉन्ग्रेस में तेज़ हुई युवा बनाम बुजुर्ग की लड़ाई, पार्टी बैठक में उभरी खाई: राजस्थान में शिफ्ट किए गए विधायक

चर्चा के दौरान पीएल पुनिया और रिपुन बोरा समेत कई नेताओं ने राहुल गाँधी को फिर से पार्टी अध्यक्ष बनाने की माँग उठाई। वहीं कुछ नेताओं का यहाँ तक कहना था कि मोदी सरकार कई मोर्चों पर असफल रही है। इसमें चीन का मुद्दा, अर्थव्यवस्था और कोरोना महामारी जैसे मुद्दे अहम हैं। इसके बावजूद जनता कॉन्ग्रेस की तरफ ध्यान नहीं दे रही है।

भारतीय राष्ट्रीय कॉन्ग्रेस के लिए अभी एक विवाद सबसे बड़ा है। वह है पार्टी के भीतर बुजुर्ग और युवा नेताओं के बीच जारी खींचतान। चाहे मध्य प्रदेश हो या राजस्थान, दोनों ही राज्यों में इस मुद्दे को लेकर कॉन्ग्रेस पार्टी को बड़ी कीमत चुकानी पड़ी। मध्य प्रदेश में कॉन्ग्रेस ने अपना एक युवा नेता खो दिया और राजस्थान में दूसरा युवा नेता हाशिये पर है।  

कॉन्ग्रेस में युवा बनाम बुजुर्ग 

ऐसे में यह सवाल बेहद स्वाभाविक हो जाता है कि क्या पार्टी में युवा बनाम बुजुर्ग की गुटबाजी बढ़ती आ रही है? गुरूवार के दिन पार्टी मुखिया सोनिया गाँधी ने राज्यसभा सांसदों की बैठक बुलाई। इस बैठक में पार्टी के वरिष्ठ नेता ने पार्टी को आत्मनिरीक्षण का सुझाव दिया। जिस पर राहुल गाँधी के नज़दीकी माने जाने वाले एक युवा नेता ने उनका जम कर विरोध किया।      

बैठक में शामिल होने वाले एक और नेता का कहना था कि राहुल गाँधी पूरा प्रयास कर रहे हैं। इसके बावजूद हालात वैसे के वैसे ही बने हुए हैं। कॉन्ग्रेस सरकार में पूर्व मंत्री पी चिदंबरम ने कहा “पार्टी का संगठन ज़िला और मंडल स्तर पर कमज़ोर है।” वहीं दूसरी तरफ कपिल सिब्बल ने कहा कि पार्टी को इसकी अंतिम पंक्ति तक निरीक्षण की ज़रूरत है। उनके मुताबिक़ संगठन के हर व्यक्ति को सिरे से सोचना चाहिए कि ऐसा क्यों हो रहा है।  

युवा नेता ने किया सिब्बल का विरोध 

कपिल सिब्बल की तरफ से इस तरह का बयान आने के बाद उन्हें विरोध का सामना करना पड़ा। राज्यसभा सांसद और राहुल गाँधी के नज़दीकी माने जाने वाले राजीव सातव ने उनका विरोध किया। और कहा हर आत्मनिरीक्षण शुरू से होना चाहिए, जिस वक्त से हम सत्ता में थे। साल 2009 से लेकर साल 2014 के बीच का निरीक्षण किया जाना चाहिए। इसके बाद राजीव सातव ने कपिल सिब्बल पर हमलावर होते हुए कई बातें कही।  

उन्होंने कहा कपिल सिब्बल के प्रदर्शन की भी समीक्षा होनी चाहिए। अगर यही निरीक्षण यूपीए 2 के दौर में हुआ होता तो आज कॉन्ग्रेस जिस स्थिति में है उस स्थिति में कभी नहीं होती। और न ही कॉन्ग्रेस को साल 2014 के आम चुनावों में सिर्फ 44 सीटें मिलतीं। इसलिए जितनी समीक्षा की ज़रूरत है वह सिलसिलेवार तरीके से होनी चाहिए और लगभग शुरू से होनी चाहिए।  

वहीं राजस्थान में शिफ्ट किए जा रहे हैं विधायक 

कॉन्ग्रेस बुजुर्ग बनाम युवा का सबसे प्रत्यक्ष उदाहरण राजस्थान की सरकार में नज़र आ रहा है। जहाँ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच तनाव बना हुआ है। विधानसभा सत्र पर मचे शोर के बीच विधायकों को शिफ्ट करने की बात सामने आ रही है। न्यूज़ 18 में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक़ सचिन पायलट खेमे के विधायकों के बाद अशोक गहलोत गुट के विधायकों को शिफ्ट किया जाएगा।  

फिलहाल, आज जयपुर के होटल से 53 विधायक एयरपोर्ट के लिए रवाना हुए हैं। सभी को चार्टर्ड फ्लाइट में जैसलमेर भेजा जाएगा। बाकी विधायकों को दूसरे राउंड में भेजा जाएगा। पहले यह तय किया गया था कि उन्हें जयपुर से बाहर जैसलमेर के मैरियट या सूर्यगढ़ के एक रिज़ोर्ट में रखा जाएगा। विधायकों को कुल 3 बार में चार्टर विमान से शिफ्ट किए जाने की योजना बनाई गई थी। वहीं राजस्थान सरकार के मंत्रियों को जयपुर में ही ठहरने के लिए कहा गया था। गुरूवार के दिन इस विषय पर विधायक दल की एक बैठक हुई थी। जिसमें ज़्यादातर विधायकों ने शिफ्ट करने की बात पर सहमति जताई। जिसके बाद योजना के आधार पर यह कदम उठाया जा रहा है।    

जनता कैसे भाजपा की तरफ 

सोनिया गाँधी की अगुवाई में हुई इस बैठक में कॉन्ग्रेस के कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए थे। इसमें पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, एके एंटनी, कपिल सिब्बल, गुलाम नबी आज़ाद, पी चिदंबरम और आनंद शर्मा समेत कई दिग्गज नेता शामिल हुए थे। इस चर्चा में पार्टी के दिग्गज नेताओं ने रणनीति और संगठन की कमज़ोरी दोनों में सुधार का सुझाव दिया।  

चर्चा के दौरान पीएल पुनिया और रिपुन बोरा समेत कई नेताओं ने राहुल गाँधी को फिर से पार्टी अध्यक्ष बनाने की माँग उठाई। वहीं कुछ नेताओं का यहाँ तक कहना था कि मोदी सरकार कई मोर्चों पर असफल रही है। इसमें चीन का मुद्दा, अर्थव्यवस्था और कोरोना महामारी जैसे मुद्दे अहम हैं। इसके बावजूद जनता कॉन्ग्रेस की तरफ ध्यान नहीं दे रही है। इसके उलट भारतीय जनता पार्टी को लगातार समर्थन मिल रहा है।   

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

PM मोदी ने कार्यकर्ताओं से बातचीत में दिया जीत का ‘महामंत्र’, बताया कैसे फतह होगा महाराष्ट्र का किला: लोगों से संवाद से लेकर बूथ...

पीएम नरेन्द्र मोदी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश के कार्यकर्ताओं से बातचीत की और उनको चुनाव को लेकर निर्देश दिए हैं।

‘पिता का सिर तेजाब से जलाया, सदमे में आई माँ ने किया था आत्महत्या का प्रयास’: गोधरा दंगों के पीड़ित ने बताई आपबीती

गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस में आग लगाने और 59 हिंदू तीर्थयात्रियों के नरसंहार के 22 वर्षों बाद एक पीड़ित ने अपनी आपबीती कैमरे पर सुनाई है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -