भारतीय जनता पार्टी के सांसद ओम बिरला एक बार फिर लोकसभा स्पीकर बन गए है। वोटिंग प्रक्रिया में ओम बिरला को ध्वनि मत से लोकसभा स्पीकर के तौर पर चुना गया। चुनाव के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कॉन्ग्रेस नेता राहुल गाँधी उन्हें स्पीकर के आसन तक ले गए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर सदन का स्पीकर बनने पर ओम बिरला को बधाई दी। उन्होंने कहा, “सौभाग्य है कि आप दूसरी बार स्पीकर चुने गए। आप नए प्रतिमान, नए कीर्तिमान गढ़ते आए हैं। आपकी कार्यशैली से युवा सांसदों को प्रेरणा मिलेगी। बतौर सांसद ओम बिरला का कार्य सराहनीय रहा है। आपने दूसरी बार स्पीकर बनकर नया रिकॉर्ड बनाया है।”
#WATCH | Prime Minister Narendra Modi says "I want to congratulate you on behalf of the House. It is a huge responsibility for you to sit on this post for the second time during the Amrit Kaal. With your experience, we hope that you will guide us for the next 5 years. 'Aapke… pic.twitter.com/MRuzs2URkr
— ANI (@ANI) June 26, 2024
पीएम मोदी ने कहा कि ओम बिरला की मुस्कान सदन को भी खुश रखेगी। उन्होंने ने कहा कि सरकार ने लगातार तीसरी बार कार्यकाल शुरू किया है और ओम बिरला को लगातार दूसरी बार सदन के नेतृत्व करने का मौका मिल रहा है। पिछले 20 सालों का इतिहास ऐसा रहा है कि ज्यादातर स्पीकर ज्यादा समय तक स्पीकर नहीं रह पाते। या तो वो चुनाव नहीं जीत पाते या स्पीकर नहीं रह पाते। लेकिन, आपने न सिर्फ चुनाव जीता है बल्कि एक बार फिर स्पीकरपद पर आसीन हुए हैं।
बता दें कि इससे पहले लोकसभा स्पीकर पद को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच सहमति नहीं बन पाई थी। ऐसे में लोकसभा स्पीकर के चुनाव की बात सामने आई। पीएम मोदी के नेतृत्व में एनडीए ने अपनी ओर से उम्मीदार के तौर पर ओम बिरला का नाम दिया। वहीं विपक्ष ने अपनी ओर से कॉन्ग्रेस नेता के सुरेश को उतारा था।
एनडीए प्रत्याशी के नाम पर उनके दल में एक तरफ जहाँ सब राजी थे तो वहीं इंडी गठबंधन के प्रत्याशी पर तृणमूल कॉन्ग्रेस की ममता बनर्जी कल से ही नाराज चल रही थीं। ममता बनर्जी का कहना था कि स्पीकर का उम्मीदवार उतारने से पहले उनसे कोई सलाह नहीं ली गई। हालाँकि बाद में खबरें आई कि राहुल गाँधी ने बातचीत करके सब सुलझा लिया है टीएमसी विपक्ष को ही समर्थन देंगी… मगर आज जब वोटिंग की बारी आई तो विपक्ष इतने मतभेदों के बीच मतदान के बिन मान गया और ध्वनिमत से ओम बिरला एक बार फिर लोकसभा स्पीकर चुने गए।
ध्वनि-मत क्या होता है?
संसद में ध्वनि मत का अर्थ होता है किसी मुद्दे पर ध्वनि के आधार पर निर्णय होना। सामान्यत: ऐसे मामले में सदन के सारे सदस्यों से समर्थन माँगा जाता है। फिर हाँ या नहीं के रूप में अपनी आवाज सदस्य देते हैं। जिस पक्ष की ओर से ज्यादा तेज आवाज उठाई जाती है, उसी के आधार पर निर्णय ले लिया जाता है। ये प्रक्रिया प्रस्ताव पारित करने के दौरान भी अपनाई जाती है।