Tuesday, November 5, 2024
Homeराजनीतिजम्मू कश्मीर के दोनों पूर्व मुख्यमंत्रियों की हार, संसद नहीं पहुँच पाए उमर अब्दुल्ला...

जम्मू कश्मीर के दोनों पूर्व मुख्यमंत्रियों की हार, संसद नहीं पहुँच पाए उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ़्ती: जम्मू की दोनों सीटों पर लहराया भगवा

उमर अब्दुल्ला जम्मू कश्मीर की राजधानी श्रीनगर से 1998, 1999 और 2004 में लगातार जीत कर जीत की हैट्रिक लगा चुके हैं। उनके पिता फारूख अब्दुल्ला भी 4 बार यहाँ से जीत चुके हैं। वहीं महबूबा मुफ़्ती 2004 और 2014 में अनंतनाग से सांसद रही हैं।

जम्मू कश्मीर में बड़ा उलटफेर हो गया है। वहाँ दशकों से प्रभावशाली रहीं दोनों प्रमुख दलों के मुखिया चुनाव है गए हैं। ‘जम्मू एन्ड कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस’ (JKNF) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुला और ‘जम्मू एन्ड कश्मीर पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी’ (JKPDP) अपने-अपने सीटों से चुनाव हार गए हैं। उमर अब्दुल्ला बारामूला तो महबूबा मुफ़्ती अनंतनाग-राजौरी से लोकसभा चुनाव 2024 में ताल ठोक रही थीं। जम्मू कश्मीर में भाजपा 2 सीटें जीत रही हैं, JKNF 2 और एक पर निर्दलीय की जीत हो रही है।

सबसे पहले बात करते हैं बारामूला की। यहाँ से निर्दलीय अब्दुल रशीद शेख की जीत हो रही है। खबर लिखे जाने तक उन्हें 3.12 लाख वोट मिल चुके थे, वहीं उमर अब्दुल्ला 1.44 लाख वोटों से पीछे 1.68 लाख वोटों पर अटके हुए थे। उमर अब्दुल्ला ने सोशल मीडिया पर अपनी हार भी स्वीकार कर ली है। उन्होंने अपने विजय सांसदों रहुल्लाह मेहंदी और मियाँ अल्ताफ को बधाई देते हुए कहा कि वो इसके लिए माफ़ी माँगते हैं कि संसद में उनका साथ नहीं दे पाएँगे, लेकिन उन्हें विश्वास है कि दोनों वहाँ जम्मू कश्मीर का सही तरीके से प्रतिनिधित्व करेंगे।

अब बात करते हैं अनंतनाग-राजौरी सीट की, जहाँ से PDP की मुखिया महबूबा मुफ़्ती लड़ रही हैं। यहाँ से उमर अब्दुल्ला की ही पार्टी के मियाँ अल्ताफ अहमद की जीत हो रही है। उन्हें खबर लिखे जाने तक 4.59 लाख वोट मिले थे, जबकि महबूबा मुफ़्ती 2.22 लाख वोट ही पा सकी थीं। इस तरह से वो 2.36 लाख वोटों से पीछे चल रही हैं। ‘जम्मू एन्ड कश्मीर अपनी पार्टी’ के ज़फर इक़बाल खान मन्हास ने भी इस चुनाव में 1.17 लाख वोट अब तक बटोरे हैं।

उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ़्ती, दोनों जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। उमर अब्दुल्ला जम्मू कश्मीर की राजधानी श्रीनगर से 1998, 1999 और 2004 में लगातार जीत कर जीत की हैट्रिक लगा चुके हैं। उनके पिता फारूख अब्दुल्ला भी 4 बार यहाँ से जीत चुके हैं। वहीं महबूबा मुफ़्ती 2004 और 2014 में अनंतनाग से सांसद रही हैं। उनके पिता भी यहाँ से 1998 में जीत दर्ज कर चुके हैं। फारूख अब्दुल्ला और मुफ़्ती मुहम्मद सईद, दोनों मुख्यमंत्री रह चुके हैं।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

हर निजी संपत्ति ‘सामुदायिक संसाधन’ नहीं, सरकार भी नहीं ले सकती: प्राइवेट प्रॉपर्टी पर सुप्रीम कोर्ट ने खींची नई लक्ष्मण रेखा, जानिए अनुच्छेद 39(B)...

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 39(B) के तहत सभी निजी संपत्तियों को 'सामुदायिक संसाधन' नहीं माना जा सकता।

सीरियल ब्लास्ट की साजिश, कोल्लम कलेक्ट्रेट में खड़ी जीप को टिफिन बम से उड़ाया… अब्बास, करीम और दाऊद को केरल की अदालत ने ठहराया...

केरल के कोल्लम में 2016 में हुए एक आईईडी ब्लास्ट में तीन लोग दोषी ठहराए गए हैं। इनके नाम हैं अब्बास अली, शमसून करीम राजा और दाऊद सुलेमान।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -