जम्मू कश्मीर में बड़ा उलटफेर हो गया है। वहाँ दशकों से प्रभावशाली रहीं दोनों प्रमुख दलों के मुखिया चुनाव है गए हैं। ‘जम्मू एन्ड कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस’ (JKNF) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुला और ‘जम्मू एन्ड कश्मीर पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी’ (JKPDP) अपने-अपने सीटों से चुनाव हार गए हैं। उमर अब्दुल्ला बारामूला तो महबूबा मुफ़्ती अनंतनाग-राजौरी से लोकसभा चुनाव 2024 में ताल ठोक रही थीं। जम्मू कश्मीर में भाजपा 2 सीटें जीत रही हैं, JKNF 2 और एक पर निर्दलीय की जीत हो रही है।
सबसे पहले बात करते हैं बारामूला की। यहाँ से निर्दलीय अब्दुल रशीद शेख की जीत हो रही है। खबर लिखे जाने तक उन्हें 3.12 लाख वोट मिल चुके थे, वहीं उमर अब्दुल्ला 1.44 लाख वोटों से पीछे 1.68 लाख वोटों पर अटके हुए थे। उमर अब्दुल्ला ने सोशल मीडिया पर अपनी हार भी स्वीकार कर ली है। उन्होंने अपने विजय सांसदों रहुल्लाह मेहंदी और मियाँ अल्ताफ को बधाई देते हुए कहा कि वो इसके लिए माफ़ी माँगते हैं कि संसद में उनका साथ नहीं दे पाएँगे, लेकिन उन्हें विश्वास है कि दोनों वहाँ जम्मू कश्मीर का सही तरीके से प्रतिनिधित्व करेंगे।
To my @JKNC_ colleagues @RuhullahMehdi & Mian Altaf Sb my heartfelt congratulations. I’m sorry I won’t be joining them in the Lok Sabha but I’m sure both of them will do an amazing job representing the people of J&K.
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) June 4, 2024
अब बात करते हैं अनंतनाग-राजौरी सीट की, जहाँ से PDP की मुखिया महबूबा मुफ़्ती लड़ रही हैं। यहाँ से उमर अब्दुल्ला की ही पार्टी के मियाँ अल्ताफ अहमद की जीत हो रही है। उन्हें खबर लिखे जाने तक 4.59 लाख वोट मिले थे, जबकि महबूबा मुफ़्ती 2.22 लाख वोट ही पा सकी थीं। इस तरह से वो 2.36 लाख वोटों से पीछे चल रही हैं। ‘जम्मू एन्ड कश्मीर अपनी पार्टी’ के ज़फर इक़बाल खान मन्हास ने भी इस चुनाव में 1.17 लाख वोट अब तक बटोरे हैं।
उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ़्ती, दोनों जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। उमर अब्दुल्ला जम्मू कश्मीर की राजधानी श्रीनगर से 1998, 1999 और 2004 में लगातार जीत कर जीत की हैट्रिक लगा चुके हैं। उनके पिता फारूख अब्दुल्ला भी 4 बार यहाँ से जीत चुके हैं। वहीं महबूबा मुफ़्ती 2004 और 2014 में अनंतनाग से सांसद रही हैं। उनके पिता भी यहाँ से 1998 में जीत दर्ज कर चुके हैं। फारूख अब्दुल्ला और मुफ़्ती मुहम्मद सईद, दोनों मुख्यमंत्री रह चुके हैं।