जम्मू-कश्मीर में पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती समेत 3 नेताओं की सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम (PSA) के तहत डिटेंशन अवधि 3 महीने बढ़ने के बाद मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती तथा एक और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह खासे परेशान दिखे। दोनों ने खुलकर सरकार के इस फैसले का सोशल मीडिया पर विरोध किया। हालाँकि, इस पहले कश्मीर के हंदवाड़ा में दो आतंकी हमले भी हुए लेकिन दोनों नेताओं ने इस पर चुप्पी साधे रखी और जिस सक्रियता से पूर्व मुख्यमंत्री के लिए संवेदना व्यक्त की, उस सक्रियता से वीरगति प्राप्त हुए जवानों को श्रद्धांजलि देना भूल गए। उमर अब्दुल्ला ने तो इस संबंध में 3 मई को एक ट्वीट किया भी, लेकिन महबूबा मुफ्ती के ट्विटर अकॉउंट, जिसे उनकी बेटी इल्तिजा चलाती हैं, वो बिलकुल शांत रहा।
हंदवाड़ा में आतंकियों ने 3 मई (रविवार) को पहला हमला किया। उस दिन देश के 5 जवान वीरगति को प्राप्त हुए। मगर, महबूबा के ट्विटर अकाउंट से उनकी बेटी इल्तिजा भारत में समुदाय विशेषपर हो रहे कथित अत्याचार पर यूएई का एक बयान शेयर करती रहीं। इसके अलावा उन्होंने लॉकडाउन के बीच कश्मीर में इंटरनेट की माँग और एक शव को स्ट्रेचर पर ले जाते बेबस परिवार का वीडियो शेयर किया। उन्होंने शाम तक लद्दाख बीजेपी अध्यक्ष के इस्तीफे की खबर पर भी अपनी टिप्पणी की। पर हंदवाड़ा पर बिलकुल चुप रहीं।
दूसरी ओर, उमर अब्दुल्ला ने मुफ्ती के डिटेंशन अवधि 3 महीने बढ़ने की खबर सुनने के बाद लगातार 3 ट्वीट किए। जिसमें उन्होंने इस फैसलों को क्रूर बताया और नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाया कि उन्होंने जम्मू-कश्मीर को दशकों पीछे कर दिया है। मगर, उन्होंने भी इस बीच हंदवाड़ा घटना में आतंकवाद के ऊपर कुछ टिप्पणी करना जरूरी नहीं समझा।
हाँ, उमर अब्दुल्ला ने 3 मई को एक ट्वीट करके बलिदान हुए जवानों के घरवालों को सांत्वना जरूर दी। लेकिन आतंकियों और आतंकवाद पर उनकी शांति लोगों को उनके ख़िलाफ़ बोलने का मौक़ा देती रही। बता दें कि 3 मई से लेकर अब तक उमर अब्दुल्लाह लॉकडाउन, लॉकडाउन में शराब बिक्री, पीएम केयर फंड पर सवाल, महबूबा मुफ्ती से जुड़े कुछ ट्वीट कर चुके हैं। लेकिन किसी में भी कश्मीर में पसरे आंतकवाद पर कोई बात नहीं की है।
Sorry to hear about the army & police officers & the jawan who laid down their lives in the line of duty in Handwara this morning. May their souls rest in peace & may their families & colleagues find strength at this difficult time.
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) May 3, 2020
गौरतलब है कि हंदवाड़ा में बीते दिनों 48 घंटों में 2 बार हमले हुए थे। पहला हमला रविवार 3 मई को हुआ था। जिसमें कर्नल-मेजर समेत 5 जवान वीरगति को प्राप्त हुए थे और 2 आतंकी मार गिराए गए थे। इसके बाद सोमवार को फिर हमला हुआ था। इसमें सीआरपीएफ के 3 जवान बलिदान हो गए थे जबकि 1 आतंकी मार गिराया गया था। दूसरा हमला सोमवार को उस समय हुआ था जब 4 मई की शाम काजियाबाद में सीआरपीएफ जवान पट्रोलिंग ड्यूटी पर जा रहे थे, तभी उन पर आतंकियों ने फायरिंग की थी।